'हजार जिंदा हैं, लड्डू खाने जाइए', दो नवजातों की मौत पर CMO के विवादित बयान पर भड़के लोग
Gonda News: CMO जैसे जिम्मेदार पद पर इस तरह का बयान देना उनके गैर जिम्मेदार के साथ-साथ संवेदनहीन होने का उदहारण भी है. ये बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और लोगों में आक्रोश पैदा कर रहा है.

यूपी के गोंडा में अवैध नर्सिंग होम में दो नवजात शिशुओं की मौत के मामले में CMO डॉ रश्मि वर्मा का एक संवेदनहीन बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. शुक्रवार शाम को मीडिया से बातचीत के दौरान हंसते हुए दिए गए इस बयान ने पूरे शहर को झकझोर दिया है. वीडियो में सीएमओ ने कहा कि एक बच्चा मर गया तो उसके लिए सब आ गए... हजार जिंदा हैं, लड्डू खाने जाइए.
CMO जैसे जिम्मेदार पद पर इस तरह का बयान देना उनके गैर जिम्मेदार के साथ-साथ संवेदनहीन होने का उदहारण भी है. ये बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है और लोगों में आक्रोश पैदा कर रहा है.
अवैध नर्सिंग होम में दो नवजात की दर्दनाक मौत
गुरूवार दोपहर कोतवाली नगर क्षेत्र में भाजपा कार्यालय के पास स्थित एक अवैध नर्सिंग होम में दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई. पहला मामला कटरा बाजार के विनय सिंह का है, जिनकी पत्नी ने 1 सितंबर को कटरा बाजार सीएचसी में बच्चे को जन्म दिया था. नवजात की हालत बिगड़ने पर महिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जगह न होने के बहाने रेफर कर दिया गया. इसके बाद जिला महिला अस्पताल के कर्मचारी और दलालों ने बच्चे को जानकी नगर स्थित इस अवैध अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी. इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई.
दूसरा नवजात सतई पुरवा के मोहित का था, जिनकी पत्नी ने 5 सितंबर को जिला महिला अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया. बच्चा बीमार पड़ने पर यही अवैध नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, लेकिन वह भी बच नहीं सका. एक ही घंटे के अंदर दो मौतों से शहर में सन्नाटा पसर गया. परिजन रोते-बिलखते नर्सिंग होम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. हंगामे की सूचना पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची.
सीएमओ का वायरल बयान, संवेदनशीलता पर सवाल
शुक्रवार शाम को मीडिया से बातचीत में सीएमओ रश्मि वर्मा ने हंसते हुए यह संवेदनाहीन बयान दिया, जो वीडियो के रूप में वायरल हो गया. वीडियो में वे दोहराते हुए कहती नजर आ रही हैं कि एक मौत पर सब इकट्ठा हो जाते हैं, जबकि हजारों जिंदा हैं. इस बयान ने पीड़ित परिवारों सहित पूरे गोंडा के लोगों को स्तब्ध कर दिया. सवाल उठ रहा है कि जब स्वास्थ्य व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारी ऐसी अमानवीय बातें करेंगे, तो आम जनता की पीड़ा कौन समझेगा?
यह वही सीएमओ रश्मि वर्मा हैं, जिन पर गोंडा की सातों विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों ने भ्रष्टाचार और मनमानी के गंभीर आरोप लगाए थे. पहले भी उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जो अब इस घटना से फिर सुर्खियों में आ गई हैं.
अस्पताल सील, लेकिन जांच में कई सवाल बाकी
स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए अवैध नर्सिंग होम को सील कर दिया है. सीएमओ ने कहा कि मामले की जांच चल रही है, लेकिन वे न तो बता पाईं कि नर्सिंग होम का संचालन कौन कर रहा था और न ही वहां इलाज करने वाला डॉक्टर कौन था. डिप्टी सीएमओ ने भी अस्पताल पर ताला जड़ दिया था. परिजनों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की है.
Source: IOCL























