उत्तरकाशी धराली आपदा: अस्थायी पुल से आवागमन शुरू, राहत कार्य तेज, 1272 लोगों को बचाया गया
Dharali disaster: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए इसकी जानकारी दी. इस अस्थायी बेली ब्रिज के निर्माण से रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत सामग्री की आपूर्ति में तेजी आएगी.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 5 अगस्त को धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं. गंगनानी के पास बह गया महत्वपूर्ण पुल अब बनकर तैयार है, जिससे धराली तक आवागमन शुरू हो गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए इसकी जानकारी दी. इस अस्थायी बेली ब्रिज के निर्माण से रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत सामग्री की आपूर्ति में तेजी आएगी.
1272 को सुरक्षित निकाला गया
धराली और हर्षिल में अब तक 1272 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिसमें सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी की टीमें स्निफर डॉग्स और ड्रोन की मदद से लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं. इनमें सेना के 8 जवान भी शामिल हैं. खराब मौसम और लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू कार्यों में बाधा आ रही है, खासकर नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, टिहरी, और बागेश्वर जैसे जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी के बाद.
लापता लोगों की तलाश तेज
मुख्यमंत्री धामी ने एबीपी लाइव को बताया कि हमने अधिकतम लोगों को रेस्क्यू कर लिया है. अब लापता लोगों की तलाश जारी है. नुकसान का आकलन करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके आधार पर प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से क्षेत्र की वहन क्षमता और भविष्य के खतरों को लेकर सलाह ली जा रही है ताकि दीर्घकालिक उपाय किए जा सकें.
मलबा और बोल्डर अभी भी सड़कों पर
आपदा में 40 से अधिक घर, होटल, और दुकानें मलबे में तब्दील हो चुकी हैं. गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा और बोल्डरों के कारण कई मार्ग अवरुद्ध हैं, और भारी मशीनों के न पहुंच पाने से मलबा हटाने में समय लग रहा है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और सेना ने लिमचीगाड में अस्थायी पुल बनाकर राहत कार्यों को गति दी है.
Source: IOCL






















