UP: बस्ती में करोड़ों की साइबर ठगी का खुलासा, गोंडा के दो शातिर ठग गिरफ्तार, फर्जी खाते और दस्तावेज बरामद
Basti News: ठगों ने पहले सोने के सिक्के खरीदे और भुगतान किया, लेकिन बाद में चालाकी से भुगतान की गई राशि को वापस अपने खाते में ले लिया. ये गिरोह किराए पर लिए गए बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे.

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. बस्ती साइबर क्राइम थाना और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई ने करोड़ों की साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में एक अंतरजनपदीय गिरोह के सरगना समेत दो शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल इस गिरोह ने बस्ती के बालक राम ज्वेलर्स के मालिक प्रज्ज्वल गुप्ता को अपना निशाना बनाया था, जिनसे इन शातिर ठगों ने 2,06,550 रुपए की ठगी की थी. ठगों ने पहले सोने के सिक्के खरीदे और भुगतान किया, लेकिन बाद में चालाकी से भुगतान की गई राशि को वापस अपने खाते में ले लिया. इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 319(2) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66D के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
ऐसे करते थे ठगी
यह गिरोह बेहद शातिर तरीके से ठगी को अंजाम देता था. वे फर्जी सिम कार्ड, 'म्यूल' यानी किराए पर लिए गए बैंक खाते और इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते थे. ठगी का इनका तरीका बेहद चौंकाने वाला था. वे ज्वेलरी की दुकानों से सोना खरीदते थे और भुगतान के बाद किसी तरह पेमेंट वापस ले लेते थे. इसके बाद, जो नकदी वे एटीएम से निकालते थे, उसे आपस में बंदरबांट कर लेते थे. पुलिस से बचने के लिए ये अपराधी नकली दस्तावेजों, फर्जी पहचान और अलग-अलग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते थे, जिससे उन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाता था.
ये सामान हुआ बरामद
इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान श्रीकांत वर्मा के रूप में हुई है, जो गोंडा के मनकापुर स्थित पटेल नगर का रहने वाला है, और सोनू कुमार, जो गोंडा के खोडारे स्थित मदनपुरा का निवासी है. इनके पास से पुलिस ने 4 एंड्रॉयड/आईओएस मोबाइल फोन जिनकी अनुमानित कीमत 2 लाख रुपये है, एक मोटरसाइकिल, 2,200 नकद, 5 फर्जी पासबुक, 10 एटीएम कार्ड, 7 सिम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं.
सभी आरोपी तकनीकी जानकार
पुलिस के मुताबिक ये अभियुक्त तकनीकी रूप से बेहद दक्ष थे और पुलिस को चकमा देने के लिए उन्नत तरीकों का इस्तेमाल करते थे. यह पूरी ठगी एक सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा थी, जिसे एक संगठित गिरोह के रूप में अंजाम दिया गया था. इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में साइबर थाना प्रभारी विकास यादव, SOG प्रभारी चंद्रकांत पांडेय और कुल 20 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे. इस टीम ने अपनी सूझबूझ और तकनीकी दक्षता का परिचय देते हुए इस बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया.
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