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Uttar Pradesh News: 4 लाख से ज्यादा रसोइयों और अनुदेशकों का CM योगी ने बढ़ाया मानदेय, जानें- अब हर महीने कितना मिलेगा
रसोइयों को अभी 1500 रुपये महीना मानदेय मिलता है. अब इन्हें 2,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा. अनुदेशकों को 7,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है. अब इन्हें 2,000 बढ़कर 9,000 रुपये मानदेय मिलेगा.
![Uttar Pradesh News: 4 लाख से ज्यादा रसोइयों और अनुदेशकों का CM योगी ने बढ़ाया मानदेय, जानें- अब हर महीने कितना मिलेगा CM Yogi adityanath increase honorarium of cooks by Rs 500 per month and instructors by Rs 2000 per month ANN Uttar Pradesh News: 4 लाख से ज्यादा रसोइयों और अनुदेशकों का CM योगी ने बढ़ाया मानदेय, जानें- अब हर महीने कितना मिलेगा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/24/c6f6198f3c0fcc6ea6386f770791dd6d_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Uttar Pradesh News: चुनावी साल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज बेसिक शिक्षा के स्कूलों में कार्यरत 4 लाख से अधिक रसोइयों और अंशकालिक अनुदेशकों को सौगात दी है. सीएम योगी ने रसोइयों का मानदेय 500 रुपये प्रतिमाह और अनुदेशकों का मानदेय 2,000 रुपये प्रतिमाह बढ़ाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही रसोइयों को यूनिफार्म के रूप में साल में दो साड़ी देने और एप्रेन और हैडकैप का पैसा सीधे उनके खाते में ट्रांसफर करने का भी ऐलान किया है. सीएम योगी ने ये ऐलान रसोइयों और अनुदेशकों के साथ संवाद के कार्यक्रम में किया.
रसोईयों को क्या मिलेगा
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में वर्तमान में 3 लाख 78 हजार रसोईये और 27,546 अनुदेशक हैं. इनमें से रसोइयों को अभी 1500 रुपये महीना मानदेय मिलता है. इसमे सरकार ने 2018 में 500 रुपये बढ़ाया था जिसके बाद ये 1,500 हुआ. अब 500 और बढ़ने के बाद इन्हें 2,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा. सीएम ने कहा कि आंगनबाड़ी की तरह ही रसोइयों को साल में दो बार यूनिफार्म की साड़ी मिलेगी.सीएम ने रसोइयों के लिए 5 लाख तक के स्वास्थ्य बीमा कवर का भी ऐलान किया है.
अनुदेशकों को क्या मिलेगा
वहीं अंशकालिक अनुदेशकों की बात करें तो उन्हें अभी 7,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है. सीएम योगी के ऐलान के बाद इन्हें 2,000 बढ़कर अब 9,000 रुपये मानदेय मिलेगा. इसके साथ ही सीएम ने अनुदेशकों की जॉब सिक्योरिटी की कार्ययोजना बनाने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं.
सीएम ने क्या कहा
सीएम ने इस मौके पर कहा कि 2017 में अगर भाजपा सरकार नहीं आती तो बहुत से स्कूल बंद हो गए होते. स्कूल बंद होते तो इनकी सेवाएं अपने आप खत्म हो जातीं. जब हम आये तो सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या घट रही थी. वर्तमान सरकार ने आते ही स्कूल चलो अभियान चलाया जिसके बाद इन साढ़े 4 साल में 54 लाख बच्चे बेसिक शिक्षा के इन स्कूलों से जुड़े. तमाम राज्यों ने कोरोना काल मे कर्मचारियों के मानदेय, वेतन में 30 फीसदी तक कटौती की लेकिन यूपी में जहां 16 लाख कर्मचारी वहां किसी में कोई कटौती नही की.
सीएम ने उम्मीद से अधिक बढ़ाया-सतीश द्विवेदी
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि मानदेय बढ़ाने पर काफी दिनों से मंथन चल रहा था. अनुदेशकों और रसोइयों के प्रतिनिधिमंडल मिल रहे थे. अनुदेशकों का मानदेय तो 1000 से 1500 तक बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन सीएम योगी ने उम्मीद से अधिक देते हुए 2000 रुपये बढ़ाया है. रसोइयों के एप्रेन, हेड कैप का पैसा अब स्कूल के खाते की जगह इनके व्यक्तिगत खाते में जाएगा. पहले ये इसके लिए परेशान होते थे. ये सारी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू है.
रसोइयों-अनुदेशकों ने बताया लॉलीपाप
भले ही सीएम योगी ने रसोइयों और अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने का ऐलान कर दिया लेकिन इसकी खुशी इनके चेहरों पर नहीं दिखी बल्कि रसोइयों और अनुदेशकों ने इसे लॉलीपाप बताते हुए नाराजगी जताई. अनुदेशकों ने कहा कि 2013 में उनकी 7,000 रुपये मानदेय पर नियुक्ति हुई. इसके बाद 2016 में सपा सरकार ने उनका मानदेय बढ़ाकर 8,470 रुपये किया था लेकिन वर्तमान बीजेपी सरकार ने इस बढोत्तरी को नियमविरुद्ध बताकर वापस 7,000 मानदेय कर दिया.इतना ही नही बढ़े मानदेय का जो भुगतान हुआ उसकी रिकवरी भी कर ली.अब इतने समय बाद 2,000 मानदेय बढ़ा रहे हैं. अगर सपा में बढ़े 8,470 को देखें तो इन्होंने 5 साल में सिर्फ 530 रुपये ही बढ़ाये हैं.
अनुदेशक चाहते हैं नियमितीकरण
अनुदेशकों ने कहा कि वो अपना नियमितीकरण चाहते हैं लेकिन उसका ऐलान नही हुआ. इनका कहना है कि वे अन्य शिक्षकों की तरह स्कूल में पढ़ाते हैं. फिजिकल एजुकेशन, कृषि, आर्ट्स जैसे महत्वपूर्ण विषय पढ़ाते हैं लेकिन उनको अधिकार नही मिल रहा. वहीं रसोइयों ने कहा की सिर्फ 500 रुपये मानदेय बढ़ाया गया है जबकि इतने की तो नेता लोग एक बार में चाय पी जाते हैं. कम से कम 200 रुपये रोज मानदेय किया जाना चाहिए था. कुछ रसोइयों ने कहा कि वो सीएम से संवाद में अपनी बात कहना चाहते थे. हाथ भी उठाया लेकिन बात नहीं करायी गयी. रसोइयों ने कहा कि इसके अलावा पाल्य व्यवस्था भी खत्म नहीं की.
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