उत्तराखंड को मिलेंगे 1700 करोड़ रुपये, 3 फेस में मिलेगा पैसा, देवभूमि की बदलेगी तस्वीर
Uttarakhand News: जोशीमठ के पुनर्विकास के लिए केंद्र सरकार 17 सौ करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार ने "रिकवरी ऑफ रिकंस्ट्रक्शन" योजना को मंजूरी दी है. सीएम धामी ने इसके लिए पीएम मोदी का आभार जताया है.

Chamoli News: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ, जो बीते साल भूस्खलन और जमीन धंसने की गंभीर समस्या का शिकार हुआ था, अब पुनर्निर्माण और पुनर्विकास के लिए तैयार हो रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 1700 करोड़ रुपये की "रिकवरी ऑफ रिकंस्ट्रक्शन" योजना को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया. जोशीमठ पिछले कई वर्षों से भू-धंसाव की समस्या से जूझ रहा है. जनवरी 2023 में स्थिति बेहद गंभीर हो गई, जब 65% घरों को नुकसान पहुंचा. इमारतों और घरों की दीवारों पर बड़ी दरारें देखी गईं, जिससे 1000 से अधिक लोग विस्थापित हुए. इन घटनाओं के कारण क्षेत्र में भय का माहौल पैदा हो गया था.
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ का इलाका भूस्खलन वाले क्षेत्र पर स्थित है. यहां की अंदरुनी सतह चट्टानी न होकर रेत और पत्थरों के जमाव पर आधारित है, जो इसे कमजोर बनाती है. 1976 की मिश्रा समिति की रिपोर्ट ने भी जोशीमठ की भूगर्भीय संरचना को खतरनाक बताया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना को क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
उन्होंने कहा, 'जोशीमठ के पुनर्निर्माण में नगर पालिका और उसके अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. जल्द ही केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत राशि का उपयोग शुरू किया जाएगा.' सीएम धामी ने भरोसा जताया कि यह योजना न केवल जोशीमठ को फिर से बसाने में मदद करेगी, बल्कि वहां के निवासियों के लिए स्थायी समाधान भी प्रदान करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जोशीमठ की समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
2023 की त्रासदी ने सरकार को किया मजबूर
जोशीमठ की समस्याएं केवल जमीन धंसने तक सीमित नहीं हैं. क्षेत्र में भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आम हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित निर्माण कार्य और सतह पर बढ़ता दबाव इस स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं. जनवरी 2023 में आई त्रासदी ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों को स्थिति की गंभीरता पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया. तब प्रभावित क्षेत्रों से सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था.
केंद्र सरकार ने जोशीमठ की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करते हुए इसके पुनर्विकास के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित की थी. केंद्र से स्वीकृत 1700 करोड़ रुपये की राशि से क्षेत्र में नई आवासीय इमारतें, सड़कें, जल निकासी प्रणाली और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा.
'पुनर्विकास से स्थानीय लोग होंगे सुरक्षित'
सरकार का मानना है कि पुनर्विकास योजना से जोशीमठ के निवासियों को सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का मौका मिलेगा. इस योजना के तहत वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए निर्माण कार्य किए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो. जोशीमठ की यह पुनर्विकास परियोजना न केवल एक नए युग की शुरुआत करेगी, बल्कि इसे एक उदाहरण भी बनाएगी कि प्राकृतिक आपदाओं के बाद पुनर्निर्माण कैसे किया जा सकता है.
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Source: IOCL





















