विधानसभा में सपा और बीजेपी के टकराव पर मायावती बोलीं- 'जनता को इससे कितनी राहत मिलेगी'
Mayawati News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष के टकराव को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की गरीब और शोषइत समाज को क्या लाभ होगा.

Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच की तकरार को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि नारेबाजी के बीत सदन तो हंगामेदार रहा लेकिन, इससे शोषित और पीड़ित जनता को क्या मिलेगा. यूपी में गरीबी, बेरोजगारी समेत कई समस्याएं हैं जिसके लिए बजट का आवंटन करना जरूरी है. बसपा सुप्रीमों ने मांग की सरकारी धन का सही उपयोग हो. वहीं उन्होंने महाकुंभ को लेकर भी अपनी बात कही.
बसपा सुप्रीमो ने यूपी विधानसभा में हुए हंगामे को लेकर एक्स लिखा- 'राज्यपाल महोदया के अभिभाषण से आज से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र जनहित व जनकल्याण के ज्वलन्त मुद्दों को लेकर सत्ता व विपक्ष की तकरार तथा ’गवर्नर गो बैक’ की नारेबाजी आदि के कारण हंगामेदार रहा, किन्तु शोषित-पीड़ित जनता को इससे कितनी राहत मिलेगी, यह सोचने वाली बात.
1. राज्यपाल महोदया के अभिभाषण से आज से शुरू हुआ उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र जनहित व जनकल्याण के ज्वलन्त मुद्दों को लेकर सत्ता व विपक्ष की तकरार तथा ’गवर्नर गो बैक’ की नारेबाजी आदि के कारण हंगामेदार रहा, किन्तु शोषित-पीड़ित जनता को इससे कितनी राहत मिलेगी, यह सोचने वाली बात।
— Mayawati (@Mayawati) February 18, 2025
बजट सत्र में हंगामे पर बोली मायावती
प्रयागराज के महाकुंभ को लेकर सत्ता-विपक्ष के अलग-अलग तर्क हैं, जबकि व्यापक जनहित व जनकल्याण के लिए सभी का विश्वास जरूरी, ताकि सरकारी धन-संसाधन का सही उपयोग हो सके. वैसे भी महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन आदि यूपी की जबरदस्त समस्या है, जिसको लेकर बजट आवंटन व गंभीरता जरूरी.
बता दें कि मंगलवार से यूपी विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है. पहले दिन सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जब अपना अभिभाषण पढ़ने आईं तो विपक्षी विधायकों ने गो बैक के नारे लगाए. जिसके बाद वो अधूरा भाषण छोड़कर चली गईं. सपा के हंगामे के बीच सदन को कुछ समय के लिए स्थगित भी करना पड़ा. वहीं सीएम योगी ने विपक्ष से सदन चलाने में सहयोग की अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है लेकिन सदन को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता और विपक्ष दोनों की है. विपक्ष अगर चर्चा करना चाहता है तो सरकार तैयार है.
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Source: IOCL























