![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
ट्रेजडी क्वीन Meena Kumari को, इस शख्स से शादी करने के लिए बनना पड़ा था Zeenat Aman की मां
70 के दशक की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी की खूबसूरती और एक्टिंग के करोड़ों दीवाने थे लेकिन वो जितनी हसीन थी उनकी ही कांटों भरी रही उनकी असल जिन्दगी
![ट्रेजडी क्वीन Meena Kumari को, इस शख्स से शादी करने के लिए बनना पड़ा था Zeenat Aman की मां Bollywood Tragedy Queen Meena Kumari Life Sad Story Read here Unknown Facts About Her life ट्रेजडी क्वीन Meena Kumari को, इस शख्स से शादी करने के लिए बनना पड़ा था Zeenat Aman की मां](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/9/2019/12/17141845/meena-270x202.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
हिंदी सिनेमा के इतिहास में ट्रेजिडी क्वीन के नाम से मशहूर ऐसी अदाकारा जिन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाने वाली 70 के दशक की मशहूर और कामयाबी एक्ट्रेस मीना कुमारी ने बहुत सी लाजवाब फिल्मों में काम कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। बॉलीवुड में उन्हें ट्रेजिडी क्वीन का खिताब दिया गया क्योंकि उनकी असल जिन्दगी में भी ट्रेजिडी की कोई कमी नहीं थी। सन 1933 में जन्मी मीना ने कभी पिता का प्यार नहीं देखा क्योंकि पिता को बेटा चाहिए था और जवानी आई तो प्रेमी ने बेवफाई कर दी और बाद में पति ने भी साथ नहीं दिया।इसी दर्द को छुपाते- छुपाते वो शराब की आदि हो गई। कुछ ऐसी रही मीना कुमारी की जिन्दगी की सच्चाई। आज की इस स्पेशल स्टोरी में हम आपको मीना कुमारी की जिन्दगी के बारे में कुछ ऐसे ही अनसुने पहलुओं के बारे में बताएंगे।
बेटे की लालसा में पिता ने कभी मीना को अपनी औलाद नहीं समझा और छोटी उम्र में ही उन्हें अनाथ आश्रम में छोड़ दिया था लेकिन मां की जिद की वजह से उन्हें वापस घर लाना पड़ा। उनके परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक ना होने की वजह से उन्होंने 6 साल की उम्र में फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम करना शूरू कर दिया। इस फिल्म में मीना कुमारी ने महजबीं का किरदार निभाया लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उनका असली नाम महजबीं ही था।
फिर साल 1951 में फिल्म तमाशा के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात उस समय के मशहूर फिल्म मेकर कमाल अमरोही से हुई। दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आने लगे और साल भर के अंदर दोनों ने शादी भी कर ली। लेकिन दोनों का रिश्ता लंबा नहीं चला और शादी के 12 साल के बाद दोनों का तलाक भी हो गया। हालांकि गुस्से में आकर दिए तलाक पर कमाल खूब पछताए औऱ वो फिर से मीना को पाना चाहते थे। लेकिन इस्लाम धर्म के मुताबिक हलाला के बाद ही ये हो सकता था। लेकिन कमाल हार नहीं मानना चाहते थे। वो किसी भी कीमत पर अपनी जिन्दगी में मीना को दोबारा चाहते थे इसीलिए उन्होंने जीनत अमात के पिता अमानउल्लाह खान जो कमाल के अच्छे दोस्त भी थे, के साथ मीना का हलाला करवाया और एक महीने बाद दोबारा मीना कुमारी से निकाह किया। लेकिन मीना कुमारी तलाक और फिर हलाला के बाद पूरी तरह से टूट चुकीं थी। इस बारे में मीना ने लिख कर अपना दर्द बयां किया और लिखा कि-'धर्म के नाम पर मुझे दूसरे आदमी को सौंपा गया तो मुझमें और एक वेश्या में क्या अंतर रह गया।'
फिर फिल्मी गलियारों में मीना कुमारी का नाम धर्मेंद्र के साथ जुड़ने लगा। ये बात है साल 1964 की जब दोनों फिल्म मैं भी लड़की हूं में काम कर रहे थे। उस वक्त दोनों शादीशुदा थे। लेकिन फिर भी दोनों एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए। कहा जाता है कि धर्मेंद्र की वजह से ही मीना कुमारी और कमाल अमरोही का तलाक हुआ। लेकिन धर्मेंद्र को मीना से सच्चा प्यार नहीं था बल्कि कहा जाता था कि उस वक्त धर्मेंद्र ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने पैर जमाने के लिए मीना कुमारी का इस्तेमाल किया। क्योंकि मीना कुमारी तब तक बॉलीवुड का बड़ा नाम बन चुकी थीं और धर्मेंद्र अपनी फिल्मी पारी शुरू ही कर रहे थे।
फिर साल 1952 में बतौर हीरोइन उनकी पहली फिल्म रिलीज हुई जिसका नाम था 'बैजू बावरा'। इस फिल्म ने मीना कुमारी को रातों रात शोहरत दिला दी। इतना ही नहीं ये फिल्म दर्शकों को इस कदर अच्छी लगी कि उस दौर में ये फिल्म 100 हफ्तों तक थियेटर में लगी रही। इस फिल्म के लिए साल 1954 में फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड अपने नाम करवाने वाली वो पहली अभिनेत्री थीं। अगर ध्यान से देखा जाए तो अंदाजा हो जाएगा कि मीना कुमारी फिल्मों में सीन करते वक्त अपने बायां यानि लेफ्ट हाथ को छुपाती थीं। आपको बता दें कि मीना के बांये हाथ में सबसे छोटी उंगली नहीं थी। किसी वजह से वो कट गई थी और इसीवजह से वो फिल्मों में अपना बांया हाथ छुपाती थीं।
उन्हें शायरी का बहुत शौक था- उन्होंने अपनी जिन्दगी पर कई बार पन्नों पर उतारा। उनकी एक लाइन आप सभी के लिए- 'न हाथ थाम सके, न पकड़ सके दामन, बड़े करीब से उठकर चला गया कोई।' कितनी गहराई और कितना दर्द छुपा है इन चंद लाइनों में।ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)