Anuradha Paudwal कभी देती थीं Lata Mangeshkar को टक्कर, लेकिन एक फैसले ने बर्बाद कर दिया करियर
80 और 90 का दशक बॉलीवुड का वो दौर था, जिसे हर कोई याद करता है। उसी समय कई ऐसे बहतरीन सिंगर हुए जिन्होंने अपनी आवाज से हर किसी कोदीवाना बनाया। ऐसी ही एक गजब की सिंगर अनुराधा पौडवाल के बारे में आज हम कुछ अनसुनी बाते आपको बताएंगे।

आज बॉलीवुड फिल्मों का जादू हर किसी के सर चढ़कर बोलता है, वहीं हमारी फिल्मों को कामयाब बनाने में संगीतकारों का बेहद अहम किरदार रहा है। बॉलीवुड में अब तक ना जाने कितने ही सिंगर ऐसे रहे हैं जिनकी आवाज का जादू दर्शकों पर खूब चला है। ऐसी ही एक सिंगर के बारे में हम आपको आज की इस स्टोरी में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी पहचान बनाई भी और सालों पहले खो भी दी। इस सिंगर का नाम है अनुराधा पौडवाल। ये तो हम जानते ही है कि 80 के दशक में अनुराधा पौडवाल ने एक बेहतरीन सिंगर के तौर पर दर्शकों के दिलों में घर कर लिया था और उसी समय बॉलीवुड की सुर कोकिला यानि लता मंगेशकर, अल्का याग्निक और आशा भोसले जैसी सिंगर बॉलीवुड में धूम मचा रही थी। लेकिन बावजूद इसके अनुराधा ने इस सभी को कड़ी टक्कर दी।
वैसे बहुत ही कम लोग ये बात जानते हैं कि गुल्शन कुमार ने ही अनुराधा को पहला ब्रेक दिया था और खबरों की माने तो गुलशन उन्हें बॉलीवुड में दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहते थे। अनुराधा ने करियर की शुरुआत अमिताभ बच्चन की फिल्म 'अभिमान' से 1973 में की थी। जिसके बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू चलाया। अनुराधा ने उस दौर के हर बड़े म्यूजिक कंपोजर और निर्माता-निर्देशकों के साथ काम किया।

यह भी पढ़ेंः क्या आप इन बॉलीवुड सितारों की पहली नौकरी और पहली सैलरी के बारे में जानते हैं? अनुराधा ने ये फैसला लेकर खुद के करियर को तबाह कर लिया। अनुराधा ने कई सालों तक किसी भी फिल्म के लिए गाना नहीं गाया था और बाकी सिंगर टी-सीरीज के बाहर भी कई गाने गा रही थी और अनुराधा ने भजन और आरती गाना शुरु कर दिया। वहीं गुलशन कुमार की मृत्यु के बाद तो उन्होंने फिल्मी गाने गाना पूरी तरह से बंद ही कर दिया। इसी वजह से अनुराधा का अच्छा-खासा करियर डूब गया।
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