Basti News: हर्रैया में तहसील कर्मियों की बड़ी गलती आई सामने, किसान को मृत बताकर दूसरे के नाम की उसकी जमीन
Harraiya तहसील की एक बड़ी गलती सामने आई है. दरअसल, यहां के तहसील कर्मियों ने एक किसान को मृत घोषित कर उसकी जमीन अज्ञात व्यक्ति के नाम लिख दी है.
Harraiya Crime News: आए दिन नए चर्चित कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले हर्रैया (Harraiya) तहसील के कर्मचारियों की एक और करास्तानी सामने आई है. दरअसल, जीवित किसान (Farmer) को मृत दिखा कर उनकी जमीन एक अजनबी व्यक्ति के नाम अंकित कर देने का मामला सामने आने के बाद हर्रैया तहसील सुर्खियों में है. यहां के एक किसान लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित दर्जनों उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर गुहार लगा रहे हैं कि ‘साहब, मैं जिंदा हूं. लेकिन तहसील कर्मियों की मिलीभगत से अभिलेखों में उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन दूसरे के नाम पर लिख दी है. मामला सामने आने के बाद तहसील में हड़कंप मचा हुआ है.
तहसील कर्मियों ने जिंदा व्यक्ति को किया मृत घोषित
हर्रैया में सपा नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य को सरकारी अभिलेखों में मृत दिखाकर उनकी जमीन दूसरे के नाम करने का मामला सामने आया है. जानकारी होने पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने मामले को लेकर एसडीएम हर्रैया से शिकायत की है. कप्तानगंज क्षेत्र के परिवारपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीशचंद्र सिंह का खोभा में खेती और मकान है. सतीशचंद्र के मुताबिक 14 जुलाई को उन्होंने गन्ने का सट्टा बनवाने के लिए महराजगंज के सहज जनसेवा केंद्र से परिवारपुर गांव की खतौनी निकाली तो पता चला कि उनके परिवारपुर गांव के खाता संख्या 68 के गाटा संख्या 198, 213, 252 में उनके हिस्से को आलोक सिंह के नाम वरासत कर दिया गया है.
दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
इस खतौनी के आदेश वाले कॉलम में सतीशचंद्र की 15 मई 2020 को मौत होना दर्शाया गया है. मौत का हवाला देकर आलोक सिंह नाम के व्यक्ति को उनका पुत्र दर्शाकर जमीन की वरासत दे दी गई. इस मामले की शिकायत सतीश सिंह के पुत्र आनंद सिंह ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम हर्रेया अमृतपाल कौर के अलावा जनसुनवाई पोर्टल पर भी की है. एडीएम अभय मिश्रा ने बताया कि मामला गंभीर है. इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं. मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सीएम को पत्र भेजकर न्याय की लगाई गुहार
सतीश सिंह के दो पुत्र हैं. बड़े बेटे का नाम रवि सिंह और छोटा आनंद प्रताप सिंह है. मामले का खुलासा दो दिन पहले उस समय हुआ जब किसान सतीश सिंह ने गन्ना सट्टे के लिए खतौनी निकालना चाहा तो वह न सिर्फ अभिलेखों में भूमिहीन दिखे बल्कि अभिलेखों में मृत भी दर्शाए गए थे. तहसील कर्मियों की मनमानी और लापरवाही से किसान नेता सतीश सिंह आहत हैं. उन्होंने खुद को अभिलेखों में जिंदा करने के लिए तहसील के जिम्मेदारों सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है.
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