अमित शाह का यूपी दौरा: फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का करेंगे शिलान्यास, अपराधियों की बढ़ेगी मुश्किल
1 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह लखनऊ आकर फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करेंगे. फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट यूपी में अपनी तरह का अनोखा संस्थान होगा.

Forensic Sciences Institute: अपराध और अपराधी अब पहले जैसे नहीं रहे. अब अपराधी वारदातों में तकनीकी का इस्तेमाल बखूबी करने लगे हैं जबकि पुलिस इस मामले में काफी पिछड़ी हुई है. तकनीकी में माहिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए इन्वेस्टिगेशन की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही विवेचना में ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक तथ्य शामिल करने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए यूपी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का निर्णय लेते हुए बीते साल फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट को हरी झंडी दी थी. सरोजनीनगर के पिपरसंड इलाके में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट का भव्य भवन जल्द तैयार होगा. इंस्टिट्यूट के जरिये पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को फॉरेंसिक साइंस के बारे में शिक्षा व जानकारी देने के साथ ही ट्रेनिंग और रिसर्च के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. 1 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह लखनऊ आकर फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करेंगे.
इज़राइल के एक्सपर्ट सिखाएंगे फॉरेंसिक बारीकियां
तकनीकी के क्षेत्र में दुनिया में अपना डंका बजवाने वाले इज़राइल के एक्सपर्ट यूपी के फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट से जुड़े रहेंगे. यह एक्सपर्ट इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट को फॉरेंसिक की बारीकियां सिखाएंगे. इंस्टिट्यूट गुजरात की नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध होगा. लखनऊ के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से भी एमओयू किया गया है. इंस्टिट्यूट में यूपी और देश के अन्य राज्यों के छात्र-छात्राओं के साथ ही नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के स्टूडेंट भी एडमिशन ले सकेंगे.
फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट 36 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा
सरोजनीनगर में करीब 36 एकड़ जमीन पर बनने वाला फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट यूपी में अपनी तरह का अनोखा संस्थान होगा. इसकी लागत 350 करोड़ रुपए के आसपास है. इंस्टिट्यूट में एकेडमिक ब्लॉक के साथ ही प्रशासनिक भवन, महिला व पुरुष हॉस्टल, लेक्चर हॉल, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, गेस्ट रूम, प्ले ग्राउंड, स्विमिंग पूल, स्टूडेंट यूनियन के लिए एक भवन और कैंटीन होगी. इसके अलावा पुलिस विभाग के लिए इंस्टिट्यूट परिसर के साथ ही करीब 250 आवासीय एवं अन आवासीय निर्माण भी कराए जाएंगे.
बैलिस्टिक और सेरोलॉजी समेत 10 विभाग के प्रोफेसर कराएंगे पढ़ाई
इंस्टिट्यूट में बैलिस्टिक यानि असलहों और गोलियों, बारूद, बम व अन्य विस्फोटक सामग्रियों के साथ सेरोलॉजी यानि विष विज्ञान, हाथ की लिखावट समझाने वाला प्रलेख विज्ञान, डीएनए, व्यवहार विज्ञान, साइबर क्राइम, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिकी जैसे 10 विभाग होंगे. इंस्टिट्यूट में 14 प्रोफेसर, 14 एसोसिएट प्रोफेसर, 42 असिस्टेंट प्रोफेसर समेत 496 का स्टाफ स्टूडेंट को पढ़ाएगा. इंस्टीट्यूट के लिए वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार और फाइनेंस ऑफिसर का पद पहले ही सृजित किया जा चुका है.
फॉरेंसिक साइंस में एमएससी और सर्टिफिकेट कोर्स होंगे
इंस्टिट्यूट में फॉरेंसिक साइंस के दो पाठ्यक्रम प्रस्तावित हैं. एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस में 2 साल और 4 सेमेस्टर का पूर्णकालिक पाठ्यक्रम होगा जबकि 3 महीने से 1 साल के सर्टिफिकेट कोर्स भी होंगे. कुछ कोर्स ऑनलाइन भी बनाये गए हैं.
पुलिस और न्यायालय का बोझ होगा हल्का
इंस्टिट्यूट की स्थापना से पुलिस और न्यायालय का बोझ काफी हल्का हो जाएगा. दरअसल, फॉरेंसिक साइंस की जानकारी न होने से विवेचना में गुणवत्ता नहीं आ पाती और अपराधियों के खिलाफ मजबूत चार्जशीट तैयार नहीं हो पाती. इससे अपराधियों को सख्त सजा नही हो पाती या वो आसानी से जेल से छूट जाते हैं. वहीं, कोर्ट में मैनुअल विवेचना और कमजोर साक्ष्यों के चलते वर्षों तक सुनवाई होती रहती है. साक्ष्य साबित करने के चक्कर में हजारों मुकदमे कोर्ट में लंबित पड़े हैं. फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट पुलिस और न्यायालय का काम और लंबित मुकदमों के निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
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