![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Aligarh News: अलीगढ़ में सरकारी कर्मचारी ने रिश्तेदारों के नाम कराई करोड़ों की सरकारी संपत्ति
UP News: अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में सरकारी सम्पति के बंदरबांट का खुलासा हुआ है. ADA में तैनात कर्मचारी ने 14 सम्पत्ति रिश्तेदारों के नाम कराई. 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.
![Aligarh News: अलीगढ़ में सरकारी कर्मचारी ने रिश्तेदारों के नाम कराई करोड़ों की सरकारी संपत्ति Aligarh Development Authority employee fraudulently got property transferred in name of relatives ann Aligarh News: अलीगढ़ में सरकारी कर्मचारी ने रिश्तेदारों के नाम कराई करोड़ों की सरकारी संपत्ति](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/20/f1b84e289d24c23ad89fba22cd458a721716177716449899_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Aligarh News: अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में तैनात एक कर्मचारी का बंदरबांट का खेल सामने आया है. अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में तैनात एक कर्मचारी के द्वारा सरकारी संपत्ति को बंदरबांट करते हुए अपने रिश्तेदारों के नाम ही कर दिया. मामले का खुलासा होने पर विभागीय कार्रवाई के साथ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. नटवरलाल कर्मचारी की बात को लेकर विभाग भी असमंजस में पड़ा हुआ नजर आ रहा है. इस मामले में सरकारी कर्मचारी सहित अन्य 6 लोगों के खिलाफ अलीगढ़ के थाना क्वार्सी में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है.
बताया जाता है पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब विभागीय जांच के दौरान संपत्तियों की जांच की जा रही थी जिसमें विभाग की संपत्तियों में हेर फेर देखने को मिली तो संपत्ति के रिकॉर्ड को खंगाला गया. जिसमें विभागीय संपत्तियों की पत्रावली ही गायब कर दी गई. वीआईपी इलाकों में मौजूद आवास एवं प्लाटों के आवंटन फर्जी दस्तावेज के आधार पर नियम के विरुद्ध किए गए थे जिसको लेकर सन 2011 में आरोपी लिपिक के द्वारा अपने भाई-भाभी व अन्य रिश्तेदारों के नाम से फ्लैटों का आवंटन पत्रावली में कर दिया जिसमें अपात्र लोगों के नाम बेनामों को करते हुए परिवार के सदस्यों को गवाह बनाया गया है.
इस मामले जब खुलासा हुआ तो वर्तमान में अलीगढ विकाश प्राधिकरण में तैनात संपत्ति लिपिक सुमित कुमार ने थाना क़्वारसी में सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर कूट रचित तरीके से सरकारी संपत्तियों के बैनामे करने एवं धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में जो मकदमा दर्ज कराया है. इसमें पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार निवासी मानसरोवर कॉलोनी, आरती मार्बल शॉप थाना क्वार्सी, रिश्तेदार निरंकार प्रसाद सिंह, सतीश के भाई की पत्नी का नाम पता अज्ञात, रामेश्वर सतवीर सिंह, मोहित कुमार सहित छह लोगों को नामजद कराया है. संपत्ति लिपिक ने एलआईजी, ईडब्ल्यूएस आवास समेत करीब 14 संपत्तियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने रिश्तेदारों को आवंटित कर दिया. जो कि विभाग को काफी बड़ा नुकसान करने को दर्शाता है.
नटवरलाल का बड़ा कमाल, विभाग को ही कर दिया कंगाल
जांच में पाया गया कि लिपिक के द्वारा अपने ही विभाग को बड़ा चूना लगाते हुए रिश्तेदार निरंकार प्रसाद सिंह को भूखंड एलआईजी-18 आवंटित किया गया, जबकि अवर अभियन्ता की जांच में पाया गया कि भूखंड एलआईजी-18 ले-आउट में शामिल ही नहीं है. निरंकार सिंह को भूखंड संख्या-37 कार्नर का भूखंड आवंटित किया, जिसकी 06 नवंबर 2013 को प्राधिकरण ने रजिस्ट्री कर दी. उसी दिन उसी भूखंड की रजिस्ट्री सतीश कुमार के भाई की पत्नी के पक्ष में कर दी गई. स्वर्ण जयंती नगर भवन संख्या-35 लॉटरी के माध्यम से सतीश कुमार के भाई रामेश्वर दयाल को वर्ष 2011 में आवंटित हुआ. रामेश्वर दयाल ईडब्ल्यूएस के तहत भूखंड प्राप्त करने के पात्र नहीं है. उन्हें हाईवे के किनारे की जमीन का 90 के दशक में मुआवजा मिला भी मिला था.
इसके बाद भी इनके नाम पर ईडब्ल्यूएस मकान आवंटित हो गया. सत्यवीर सिंह को ईडब्ल्यूएस-25 गलत तरीके से आवंटित किया, यह भी सतीश कुमार के परिवार के सदस्य हैं. ईडब्ल्यूएस भवन संख्या 61ए मोहित कुमार को 2011 में अवंटित हुआ जो सतीश कुमार के रिश्ते में साले हैं. मोहित कुमार ईडब्ल्यूएस के भवन प्राप्त करने के पात्र नहीं है और हाथरस के रहने वाले हैं. योजना में जनपद का निवासी ही पात्र हो सकता है. ईडब्ल्यूएस में नियम विरूद्ध हाथरस जनपद निवासी मोहित कुमार के नाम भी आवंटित किया गया है.जिसमे तमाम लापरवाही और भृस्टाचार लिपिक के द्वारा करते हुए विभाग को करोड़ो का चूना लगाया है जिसका अब खुलासा हो गया है.
क्या कहती है एडीए विभाग की उपाध्यक्ष
पूरे मामले को लेकर एडीए की उपाध्यक्ष अर्पूवा दुबे के द्वारा जानकारी देते हुए बताया एडीए की संपत्ति का रिकार्ड निकलवाने पर कई संपत्तियों की पत्रावलियां ही गायब मिलीं. कई ऐसी फाइलें भी सामने आईं, जिसमें पॉश इलाके स्वर्ण जयंती नगर में अलग-अलग श्रेणी के आवास एवं प्लॉटों का आवंटन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियम विरूद्ध किया गया था. पूर्व संपत्ति लिपिक सतीश कुमार ने वर्ष 2011 व अन्य वर्षों में स्वयं व अपने भाई-भाभी व गैर जनपद निवासी अन्य रिश्तेदारों के नाम से आवासों का आवंटन पत्रावली में करा दिया है. इसको लेकर आरोपियों के खिलाफ विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही लिपिक के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करदी गई है.
ये भी पढ़ें: UP News: पुलिस के लिए पहेली बन चुका है बंसी हत्याकांड, मास्टरमाइंड का अभी तक नहीं मिला सुराग
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/68e69cdeb2a9e8e5e54aacd0d8833e7f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)