लखनऊ मेट्रो पर केंद्र के ऐलान के बाद बोले अखिलेश यादव- इंजनों की टकराहट में पटरी ही नहीं बिछ रही
Lucknow Metro News: इस बयान के साथ उन्होंने ‘प्रधाननगरी’ और ‘मुख्यनगरी’ में मेट्रो विस्तार की मांग भी उठाई है, जहां यातायात जाम जनता के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है. अखिलेश यादव ने देरी पर तंज कसा है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ मेट्रो के विस्तार को लेकर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी सरकार द्वारा विकसित की गई मेट्रो परियोजना और आगे के लिए तैयार किए गए प्लान को लागू करने में 8 साल से अधिक का समय लग गया, जबकि निर्माण कार्य की गति पर तो सवाल ही उठाए जा सकते हैं.
इस बयान के साथ उन्होंने ‘प्रधाननगरी’ और ‘मुख्यनगरी’ में मेट्रो विस्तार की मांग भी उठाई है, जहां यातायात जाम जनता के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है.
अखिलेश यादव की टिप्पणी
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि लखनऊ मेट्रो को हमने जहां तक विकसित किया था और आगे का प्लान तैयार करके दिया था, उससे आगे बढ़ने की घोषणा में ही 8 साल से भी ज़्यादा का समय लग गया, बनने की तो बात ही क्या की जाए? लगे हाथों अगर ‘प्रधाननगरी’ के मेट्रो का भी भला हो जाता तो वहां हर दिन जाम में फंसी रहनेवाली जनता को भी कुछ राहत मिल जाती. और रही बात ‘मुख्यनगरी’ में मेट्रो की तो उसका क्या कहना, वहां तो इंजनों की टकराहट में पटरी ही नहीं बिछ पा रही है. इस पोस्ट के साथ उन्होंने लखनऊ मेट्रो के पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के नक्शे को भी साझा किया है, जो हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई है.
ये है परियोजना
बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लखनऊ मेट्रो के चरण 1बी के तहत पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर को मंजूरी दी है, जिसकी लागत 5,801 करोड़ रुपये अनुमानित है. यह कॉरिडोर 11.165 किमी लंबा होगा, जिसमें 4.286 किमी ऊंची पटरियां और 6.879 किमी भूमिगत पटरियां शामिल हैं. यह परियोजना चरबाग से वसंत कुंज तक फैलेगी और मौजूदा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (23 किमी) के साथ एकीकृत होगी. परियोजना में 12 स्टेशन (7 भूमिगत और 5 ऊंचे) शामिल होंगे, जो अगले पांच वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है.
जनता की उम्मीदें
राजधानी लखनऊ में बढ़ते ट्रैफिक जाम और जनता की परेशानियों को देखते हुए इस मेट्रो विस्तार से काफी उम्मीदें जुड़ी हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर परियोजना पूरी हो जाती है, तो यह शहर की ट्रैफिक समस्याओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
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Source: IOCL






















