Agra: आगरा में छत्रपति शिवाजी को मिलेगी सांस्कृतिक पहचान, मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने दी ये अहम जानकारी
Agra News: आगरा में निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी म्यूजियम का काम जल्द पूरा होने की उम्मीद जताई गई है. इस संबंध में मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अहम जानकारी दी है.

Agra Latest News: उत्तर प्रदेश के आगरा में ताजमहल के पास निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी म्यूजियम की सुध दोबारा सरकार ने ली है. उम्मीद की जा रही है जल्द ही म्यूजियम के लिए फंड जारी होगा और बचा हुआ काम पूर्ण होगा. दरअसल सितंबर 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस म्यूजियम का नाम मुगल म्यूजियम से बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर कर दिया था. लेकिन फंड जारी नहीं होने के चलते काम लंबे समय से अधूरा पड़ा है.
साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस म्यूजियम की नींव रखी थी. चूंकि मुगलों ने आगरा से पूरे देश पर लंबे समय तक राज किया इसलिए ताजमहल के नजदीक ही इस म्यूजियम को बनाया जा रहा था. सरकार बदलने के साथ ही काम ठप्प पड़ गया. करीब 6 एकड़ में बन रहे 141 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 99 करोड़ रुपए लग चुके हैं.
शिवाजी म्यूजियम का 70 फीसदी काम हो चुका है पूरा
करीब 70 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है लेकिन अभी भी म्यूजियम का अधूरा रहने से उद्देश्य अधूरा है लेकिन योगी सरकार में आगरा से ताल्लुक रखने वाले मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि प्राचीन आगरा से अर्वाचीन आगरा को लेकर सरकार का फोकस है.
शिवाजी म्यूजियम का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. म्यूजियम में क्या चीजें पब्लिक के लिए शोकेस की जाएंगी, इसके लिए एक कमेटी बनाई जा रही है. पहली कैबिनेट में मुख्यमंत्री के सामने मैंने पूरा मुद्दा रखा था. 2 साल के अंदर काम पूरा कर लिया जाएगा.
एक तरफ म्यूजियम को लेकर सरकार फंड जारी करने वाली है, वहीं कोठी मीना बाजार मैदान के एक किनारे स्थित कोठी को भी सरकार जल्द खरीदने वाली है और इस बाबत वित्त विभाग को प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. दो साल के भीतर कोठी को भी खरीदकर शिवाजी के नाम पर भव्य स्मारक तैयार करने की बात मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कही है और 100 दिन की कार्ययोजना में उसे शामिल किया गया है.
मिलेगी सांस्कृतिक पहचान
शिवाजी म्यूजियम का अभी तक निर्माण टाटा कंपनी कर रही थी लेकिन सरकार शेष काम पीपीपी मॉडल से करवाना चाहती है. जिसमें मराठा साम्राज्य के वैभव से लेकर ब्रज की संस्कृति की झलक से लेकर पच्चीकारी, ताजमहल से जुड़ा इतिहास, मुगल साम्राज्य से जुड़े इतिहास के साथ ही एक आर्ट गैलरी और ऑडिटोरियम भी प्रस्तावित है.
शिवाजी महाराज का आगरा से जुड़ा बड़ा इतिहास रहा है और कई सारी लोक कथाएं प्रचलन में हैं. इसलिए उनका सजीव चित्रण भी हो और जनता और पर्यटक भी इस नजरिए से भी आगरा को जाने पहचाने, इसलिए सांस्कृतिक पर्यटन को कैसे बढ़ावा मिले, इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही आगरा से शिवाजी के संबंध को एक सांस्कृतिक पहचान मिलने वाली है.
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Source: IOCL























