Ajmer: पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक बयान देने वाले यति नरसिंहानंद के खिलाफ FIR, PM मोदी से की गई ये मांग
Ajmer News: अजमेर दरगाह अंजुमन सैयद जादगान के उपाध्यक्ष सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती के नेतृत्व में खादिमों ने दरगाह थाना पहुंचकर यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दी और एफआईआर दर्ज करवाई.
Ajmer Latest News: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ राजस्थान के अजमेर में एफआईआर दर्ज हुई है. यति नरसिंहानंद पर विवादित बयान से धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने को लेकर अजमेर के दरगाह थाना पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
अजमेर दरगाह के अंजुमन सैयद जादगान के उपाध्यक्ष सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती के नेतृत्व में खादिमों ने दरगाह थाना पहुंचकर यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायत दी और एफआईआर दर्ज करवाई. गौरतलब है कि नरसिंहानंद ने इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसकी वजह से देशभर के मुस्लिम समाज में भारी रोष देखा जा रहा है.
ऐसे में अंजुमन सैयद जादगान ने पीएम नरेंद्र मोदी से सख्त एक्शन लेने की मांग की है. इसी तरह अगले शुक्रवार को धरना प्रदर्शन और विशाल रैली निकाल कर अपना रोष प्रकट करने की चेतावनी भी दी है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कही ये बात
इससे पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यति नरसिंहानंद के बयान पर कड़ा विरोध जताते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. मंच ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ देशभर में एफआईआर करवाने की भी घोषणा की है. आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर यति नरसिंहानंद की ओर से दिए गए बयान को समाज में विभाजन और नफरत फैलाने का संगठित प्रयास बताया है.
मंच ने देशभर में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने और इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाने की भी घोषणा की है. यह फैसला मंच के राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के संयोजक, प्रांतीय और क्षेत्रीय संयोजक और सह संयोजकों सहित लगभग सौ नेताओं की वर्चुअल बैठक में किया गया.
'यति नरसिंहानंद का बयान पूरे देश के खिलाफ'
बैठक के बाद, मंच के राष्ट्रीय संयोजक और मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया, "हमारे कार्यकर्ता देश के हर हिस्से में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. यह नफरत भरी बयानबाजी केवल मुसलमानों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ है. ऐसे बयान देश की संवैधानिक संरचना को चोट पहुंचाते हैं."