Rajasthan Politics: विधानसभा चुनाव से पहले बोले केंद्रीय मंत्री मेघवाल- 'सतीश पूनिया के नेतृत्व में देखना शुरू करो उगता हुआ सूरज'
जानकारों का कहना है कि मेघवाल से बयान दिलवाकर पार्टी में गुटबाजी पर विराम लगाना था. दूसरा संदेश था कि सतीश पूनिया के नाम की मोहर लगाकर कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट किया जाए.

Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा का चुनाव (Rajasthan Assembly Election) 2023 के अंत में होने वाला है. बीजेपी (BJP) ने चुनाव की तैयारियां जोर शोर से शुरू कर दी है. राजस्थान विधानसभा का चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा? जनता के बीच बीजेपी वोट किस नेता को आधार बनाकर मांगने जाएगी? पार्टी किसके नेतृत्व में चुनावी मैदान को साधेगी? केंद्रीय नेतृत्व तस्वीर को पहले ही साफ कर चुका है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) कह चुके हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. अब आपको जानना है राजस्थान की बीजेपी में प्रभावशाली नेता कौन है? नाम के सस्पेंस से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने पर्दा हटा दिया है.
राजस्थान बीजेपी का कौन है सबसे प्रभावशाली नेता?
बयान के जरिए उन्होंने बीजेपी में प्रभावशाली दावेदारों को एक खास सियासी संदेश दिया है. पिछले दिनों मेघवाल झुंझुनूं दौरे (Jhunjhunu Visit) पर आए थे. बीजेपी कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा-'डूबता हुआ सूरज' देखना बंद करो. सनसेट पॉइंट अंग्रेजों के बनाए हुए हैं. 'उगते हुए सूरज' सतीश पूनिया के नेतृत्व में देखना शुरू करो. उगते सूरज को पानी चढ़ाओ.' उनका इशारा साफ था कि सतीश पूनिया (Satish Poonia) राजस्थान बीजेपी के सबसे प्रभावशाली नेता हैं. मेघवाल ने एक तीर से कई निशाने साधे.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दिया लंबे समय से प्रभावशाली खेमे को सियासी संदेश राजस्थान बीजेपी में सबसे प्रभावशाली सतीश पूनिया @ABPNews @prempratap04 @iampulkitmittal @srameshwaram @santprai @DrSatishPoonia @arjunrammeghwal @narendramodi @ashokgehlot51 @VasundharaBJP pic.twitter.com/lMXu0bL0So
— करनपुरी (@abp_karan) November 16, 2022
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बयान में छिपा संदेश
जानकारों का कहना है कि मेघवाल से बयान दिलवाकर पार्टी में गुटबाजी पर विराम लगाना था. दूसरा संदेश था कि सतीश पूनिया के नाम की मोहर लगाकर कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट किया जाए. अगला विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए बहुत कठिन होने जा रहा है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) के जरिए कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में है.
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