(Source: ECI / CVoter)
Rajasthan में केंद्र सरकार के खिलाफ जारी है ट्रेड यूनियन की हड़ताल, जानें क्या है मांग
Rajasthan News: केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने 2 दिन तक केंद्रीय कार्यालय में हड़ताल (Strike) शुरू कर दी है. केंद्रीय कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा.
Rajasthan Trade Union Strike: केंद्र सरकार (Central Government) के विरुद्ध लामबंद हो रहे सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने 2 दिन तक केंद्रीय कार्यालय में हड़ताल (Strike) शुरू कर दी है. इस हड़ताल के कारण केंद्रीय कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा. बीमा, आयकर विभाग सहित कई कार्यालय में आज दूसरे दिन भी कोई काम नहीं हुआ और धरना प्रदर्शन किया गया. वहीं, बैंकों में भी हड़ताल की गई.
केंद्रीय कार्यालय के बाहर दिया धरना
दरअसल, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने सहित कई मांग को लेकर केंद्रीय कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. कर्मचारी निजीकरण का भी विरोध जता रहे हैं. कर्मचारी, किसानों और आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालने वाली सरकार की कथित गलत नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने 2 दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल चल रही है. इसके तहत जोधपुर (Jodhpur) में भी कई केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया.
ये है मांग
इनकम टैक्स एम्पलाइज फेडरेशन राजस्थान जोधपुर के सहायक सचिव अरविंद कुमार सोनी और महासचिव रामू राम डुड़ी ने बताया कि आयकर विभाग के सामने आज धरना देकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पुरानी पेंशन योजना लागू करने, 18 माह का महंगाई भत्ता देने, 8वें वेतन आयोग का गठन करवाने, हर 5 वर्ष में वेतन संशोधन करने, खाली पदों को भरने और नए पदों का सृजन करने, अनुकंपा की नियुक्ति में 5 प्रतिशत की सीमा को समाप्त करने एवं निगमीकरण को रोकने की मांग को लेकर हड़ताल की गई.
कामकाज हुआ प्रभावित
इसके साथ ही भारतीय जीवन बीमा निगम जोधपुर मंडल कार्यालय में भी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. बैंकों में भी हड़ताल की वजह से कामकाज प्रभावित हुआ. हालांकि, ये असर आंशिक रूप से ही देखा गया क्योंकि बैंक कर्मचारी संगठनों का एक हिस्सा ही इस हड़ताल में साथ रहा. निजी क्षेत्र में के बैंकों का कामकाज की बात करें तो लगभग क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं बंद रहीं. वहीं, अन्य क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं में अधिकारियों की मौजूदगी होने के बावजूद कर्मचारियों के अनुपस्थिति होने से कामकाज प्रभावित रहा. इसके अलावा बैंकिंग और इंश्योरेंस फाइनेंस सेक्टर की तरफ से भी हड़ताल को समर्थन दिया गया.
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