'देश पहले...', राजस्थान की स्टेट यूनिवर्सिटी ने तुर्किए के इस विश्वविद्यालय के साथ रद्द किया MOU
Jaipur News: राजस्थान की हरिदेव जोशी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन स्टेट यूनिवर्सिटी ने तुर्किए विश्वविद्यालय के साथ हुए समझौते को रद्द कर दिया है. यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने यह जानकारी दी है.

Rajasthan News: भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों हुए युद्ध में तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का साथ दिए जाने के बाद भारत के तमाम संस्थान तुर्किए से अपना नाता तोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित हरि देव जोशी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी तुर्किए के साथ हुए अपने करार को रद्द कर दिया है.
यूनिवर्सिटी का कहना है कि महज ग्यारह महीने में एमओयू रद्द करने का फैसला तुर्किए समेत समूची दुनिया को भारत की तरफ से नेशन फर्स्ट का बड़ा संदेश देने को लेकर लिया गया है. यूनिवर्सिटी इसके जरिए यह संदेश देना चाहती है कि अगर कोई भी भारत के खिलाफ होने वाली किसी साजिश में शामिल होगा तो हम उससे किसी तरह का कोई रिश्ता नहीं रखेंगे.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में संचालित हो रही हरिदेव जोशी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन स्टेट यूनिवर्सिटी ने पिछले साल 22 जून को तुर्किए की अफ़्फ़ान कोकाटेपे यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया था. यह करार दोनों यूनिवर्सिटीज के बीच एकेडमिक आदान-प्रदान को लेकर किया गया था. इसके तहत पाठ्यक्रम तैयार करने और शिक्षा प्रणाली से लेकर फैकेल्टी व स्टूडेंटस के आदान-प्रदान का फैसला किया गया था. दोनों यूनिवर्सिटी साथ मिलकर बेहतर काम भी कर रही थी.
यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर सुधि राजीव के मुताबिक पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत- पाकिस्तान के बीच हुई तकरार के दौरान तुर्किए ने जिस तरह खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया, उससे हर भारतवासी हैरान हुआ और उसे पीड़ा हुई. प्रोफेसर सुधि राजीव के मुताबिक हमारी यूनिवर्सिटी के टीचर्स- कर्मचारियों और स्टूडेंटस को भी इस फैसले से तक पहुंचा. ऐसे में हमने यह तय किया कि भारत के खिलाफ काम करने वाली तुर्किए की यूनिवर्सिटी से आप भविष्य में किसी तरह का कोई रिश्ता नहीं रखा जाएगा.
वाइस चांसलर ने कहा कि हमने तत्काल प्रभाव से एमओयू को रद्द करने का फैसला किया. उनका कहना है कि वैचारिक साझेदारी, बिज़नेस और देश के खिलाफ साजिश एक साथ नहीं चल सकती. हम भारतवासियों के लिए हमारा भारत देश सबसे पहले है, बाकी सब बाद में. वाइस चांसलर प्रोफेसर सुधि राजीव का कहना है कि हमारी यूनिवर्सिटी में यह फैसला लेकर समूची दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की है कि हमारे देश के खिलाफ अगर कोई भी खड़ा होगा तो हम उसे किसी तरह का कोई रिश्ता नहीं रखेंगे. उनके मुताबिक मौजूदा हालात के मद्देनजर तुर्किए को सबक सिखाना बेहद जरूरी हो गया था. जयपुर में इससे पहले कई व्यापारिक संगठनों ने भी तुर्किए के साथ कारोबार खत्म करने का ऐलान किया था.
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