राजस्थान में SIR का आंकड़ा, करीब 42 लाख वोटर्स हटे, जयपुर में सबसे अधिक कटे
Rajasthan SIR News: राजस्थान में SIR का आंकड़ा सामने आ गया है. 41 लाख 84 हजार 819 ने इम्युरेशन फॉर्म जमा नहीं किया.

एसआईआर का काम पूरा होने के बाद राजस्थान में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है. राज्य में तकरीबन 42 लाख मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर हुए. यहां कुल
41.84 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. सूबे में 5,46,56,216 वोटर्स में से 5,04,71,396 के फार्म जमा हो गए हैं. 92.34 प्रतिशत मतदाताओं के फॉर्म जमा हुए हैं. इस तरह 7.66 प्रतिशत वोटर्स मतदाता सूची से बाहर हुए हैं.
29.6 लाख मतदाता शिफ्ट/अनुपस्थित
राजस्थान में 8.75 लाख वोटर्स के दिवंगत होने की वजह से उनका नाम मतदाता सूची से हटाया गया है. ऐसे मतदाताओं का प्रतिशत 1.6 है. 29.6 लाख मतदाता किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं या अनुपस्थित पाए गए हैं. ऐसे वोटर्स का प्रतिशत 5.43 है. इसके अलावा 0.63 प्रतिशत मतदाता एक से ज्यादा जगहों पर नाम होने की वजह से बाहर किए गए हैं. ऐसे मतदाताओं की संख्या 3.44 लाख है.
सभी सीटों पर औसतन 21000 नाम काटे गए
राजस्थान में सभी विधानसभा सीटों पर औसतन तकरीबन इक्कीस हजार वोटर्स के नाम काटे गए है. राजस्थान के मुख्य चुनाव अधिकारी नवीन महाजन के मुताबिक मतदाता सूची से बाहर हुए लोग एक महीने के अंदर आपत्ति दाखिल कर सकते हैं. आपत्ति सही पाए जाने पर उनका नाम दोबारा वोटर लिस्ट में जोड़ दिया जाएगा. राजस्थान में 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर वोटर लिस्ट की एसआईआर कराई गई है. बारा जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की वजह से एसआईआर नहीं हुई थी.
सबसे ज्यादा नाम जयपुर में कटे
राज्य में सबसे ज्यादा नाम राजधानी जयपुर में कटे हैं. जयपुर में कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर की सीट झोटवाड़ा में 68 हज़ार वाटर बाहर हुए हैं. सीएम भजनलाल शर्मा की सांगानेर सीट पर 61 हज़ार, डिप्टी सीएम दिया कुमारी की विद्यानगर सीट पर 57 हज़ार, सिविल लाइंस में 49 हज़ार, बगरू में 47, हवा महल में 38 हजार से ज्यादा वोटरों के नाम कटे हैं. अकेले जयपुर जिले में 536276 वाटर मतदाता सूची से बाहर हुए हैं. इसके अलावा यहां 1.90 लाख वोटर्स की मैपिंग नहीं हुई है. यानी उनका या परिवार का नाम पुरानी वोटर लिस्ट से लिंक नहीं हो पाया है.
पूरी पारदर्शिता के साथ कराया गया- मुख्य चुनाव अधिकारी
मुख्य चुनाव अधिकारी नवीन महाजन के मुताबिक एसआईआर का काम पूरी पारदर्शिता के साथ कराया गया है. पारदर्शिता की वजह से ही इसे पब्लिक डोमेन में डाला गया है. कोई भी मतदाता ऑनलाइन तरीके से अपना स्टेटस चेक कर सकता है. इसके अलावा सियासी पार्टियों को भी आपत्ति दाखिल करने का मौका दिया जाएगा. व्यक्ति या पार्टी कोई भी अपनी बात को रख सकता है.
Source: IOCL






















