Rajasthan Phad Art: फड़ चित्रकारी की देश और दुनिया में अलग है पहचान, जानिए- क्या है ये खास कला
फड़ चित्रण का उदय मेवाड़ राज्य में 700 वर्ष पूर्व माना जाता है. कपड़े पर प्रचलित लोक गाथाओं का चित्रण को पुरातन पट्ट चित्रण कहते हैं. इस चित्रण को राजस्थानी भाषा में फड़ कहते हैं.

Rajasthan News: फड़ चित्रकारी ने राजस्थान के शाहपुरा को देश-विदेश में अलग पहचान दिलाई है. भीलवाड़ा के एक छोटे से कस्बे की फड़ पेंटिंग देशी-विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करती है. फिल्मी हस्तियों के बंगलों में भी ये पेंटिंग शोभा बढ़ा रही है. ऐसी कलाकृतियां तैयार करने वाले जोशी परिवार को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
युवा फड़ चित्रकार विजय जोशी, विवेक जोशी ने महात्मा गांधी की जीवनी को फड़ में चित्रांकन किया. जिसे देश-विदेश में सराहा जा चुका है. विजय जोशी को राष्ट्रीय मेरिट पुरस्कार 2003, राष्ट्रीय युवा फेलोशिप एवं स्टेट ब्रांज मेडल सहित कई सम्मान मिले. इनके छोटे भाई विवेक जोशी को राष्ट्रीय स्कालरशीप एवं राष्ट्रीय फेलोशिप प्राप्त हुई. राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शांति लाल जोशी प्रथम विश्व युद्ध, अशोक महान, गीता सार पर फड़ तैयार कर चुके हैं. फड़ चित्र लोक गाथाओं का चित्रण है, जिसे भोपा और भोषी द्वारा वाध्ययंत्र द्वारा कहानी को गाकर बताया जाता है.
क्या है फड़ चित्रण?
फड़ चित्रण का उदय मेवाड़ राज्य में 700 वर्ष पूर्व माना जाता है. कपड़े पर प्रचलित लोक गाथाओं का चित्रण को पुरातन पट्ट चित्रण कहते हैं. इस चित्रण को राजस्थानी भाषा में फड़ कहते हैं. फड़ चित्रण में एक साथ लोक नाट्य, गायन, वादन, मौखिक साहित्य, चित्रकला और लोकधर्म का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है. फड़ चित्रण के माध्यम से किसी लोक देवताओं व लोक नायकों की कथा कहना है, जो उनके के जीवन में घटित घटनाओं हुईं. जिनमें प्रमुख हैं पाबूजी, रामदेवजी, देवनारायणजी, भगवान कृष्ण एवं दुर्गा माता. फड़ की लम्बाई अधिक और चौड़ाई कम होती है. फड़ का वाचन भोपे करते हैं.
जोशी ने ही सबसे पहले अंग्रेजी फड़ की शुरुआत की
विजय जोशी द्वारा लोक गाथाओं के अलावा धार्मिक फड़, दंत कथाओं ऐतिहासिक और आज कपड़ा खुद ही तैयार किया जाता है. कई विषयों पर शाहपुरा फड़ शैली में चित्रांकन किया है. हिंदी व अंग्रेजी में दुर्गा चालीसा, फड़ का सामान्य अर्थ है कथात्मक हनुमान चालीसा, सुंदरकांड के साथ महाभारत, शिव चालीसा, सत्यनारायण कथा कृष्ण जोशी द्वारा 2005 में अमिताभ चित्र पड़ का समानार्थी शब्द फड़. लीलाए, रानी पदमनी, हल्दी घाटी, संयोगिता हरण, पृथ्वीराज-गौरी, शाहपुरा गणगौर सवारी, बच्चन, मिलेनियम सुपर स्टार हैं और यह शब्द हो लोक व्यवहार तीज उत्सव, साक्षरता, कालीदास मेघदूत, कुमारसंभव, ऋतुसंहार एवं जसदेव कृत गीत गोविंद पर फड़ तैयार कर चुके हैं. जोशी ने ही सबसे पहले अंग्रेजी फड़ की शुरुआत की.
पेंटिंग के जरिए दी कोरोना से बचाव की सीख
पेंटिंग में कोरोना से बचाव, सरकार और कोरोना योद्धाओं सहित जनता के योगदान को भी दिखाया गया है. इसके साथ ही विश्व के सभी देशों द्वारा भारत की सराहना और सम्मान आदि सभी संदेश चित्रों के माध्यम से ही दर्शाए गए हैं. फड़ में भारत सरकार के दरबार को चित्रित किया गया है. इसके अलावा भारत सरकार की पूरे विश्व में इस महामारी के विरुद्ध किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी दर्शाया गया है. इसमें एक ओर स्विट्जरलैंड और इटली की सीमा पर स्थित मैटरहॉर्न पर्वत बना हुआ है. जहां हमारी सरकार के प्रयासों को सम्मान देने के लिए ध्वज की प्रतिकृति अंकित की गई है.
1969 में मिला राष्ट्रपति पुरस्कार
1969 में राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने राष्ट्रपति पुरस्कार दिया था. इनके छोटे भाई शाति लाल जोशी को 1984 में राज्य पुरस्कार एवं 1991 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला. उन्हें कलाश्री की उपाधि दी गई. भाई राजेंद्र जोशी को भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं. इस परंपरा को इनके बेटों ने आगे बढ़ाया. परिवार इस कला के प्रति समर्पित है. जोशी के बेटे इस कला को आगे बढ़ा रहे हैं.
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