फास्टैग वाली गाड़ियों की KYV कराने में कितना लगता है पैसा? जान लें काम की बात
Fastag KYV Process: फास्टैग गाड़ियों की KYV के लिए जरूरी खबर. जान लें इस प्रोसेस के लिए कितनी फीस देनी पड़ती है. इस प्रोसेस को फाॅलो करके कर सकते हैं KYV.

Fastag KYV Process: सड़कों पर अपने रोजाना बहुत सारी गाड़ियां चलती हुई देखी होंगी. उन सबमें फास्टैग होता है फास्टैग अब हर गाड़ी का जरूरी हिस्सा बन चुका है. टोल प्लाजा से गुजरना है तो यही सबसे आसान तरीका है. अगर फास्टैग नहीं है तो दोगुना टोल चुकाना पड़ जाता है. इसी वजह से सरकार ने फास्टैग से जुड़ी सभी गाड़ियों के लिए KYV यानी नो योर व्हीकल को जरूरी कर दिया है.
यह प्रोसेस आपके वाहन की जानकारी को फास्टैग सिस्टम में सही तरीके से अपडेट करने के लिए है. जिससे टोल पर कोई रुकावट, डबल कटौती या मिसमैच न हो. अब सवाल यही आता है कि KYV होती कैसे है? इसमें कौन-कौन से डॉक्यूमेंट लगते हैं और इस पूरी प्रक्रिया पर कितना खर्च आता है. चलिए बताते हैं लीजिए पूरी जानकारी.
KYV में कितना पैसा लगता है?
फास्टैग में KYV को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही घूमता है कि आखिर इसमें कितना पैसा लगता है. फास्टैग वाली सभी गाड़ियों के लिए यह प्रोसेस अब जरूरी है. इसलिए लोगों को लगता है कि शायद इसके लिए अलग से रुपये चुकाने होंगे. लेकिन आपको बता दें कि KYV कराने के लिए किसी भी तरह की फीस नहीं देनी पड़ती. यह पूरी प्रक्रिया बिल्कुल फ्री है.
कई लोग सोचते हैं कि बैंक या फास्टैग जारी करने वाला एजेंट इस काम के बदले कोई चार्ज लेता होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. KYV का मकसद सिर्फ आपकी गाड़ी की जानकारी को सही तरीके से सिस्टम में अपडेट करना है. जिससे टोल पर कटौती में कोई गलती न हो. इसलिए इसे जल्द पूरा करा लेना बेहतर रहता है. वरना फास्टैग के इस्तेमाल में दिक्कत आ सकती है.
ऐसे करें फास्टैग KYV?
फास्टैग की KYV के लिए उस बैंक या फास्टैग प्रोवाइडर के पोर्टल या ऐप ओपन करें. वहां KYV या vehicle verification का ऑप्शन दिखेगा. जैसे ही इसे ओपन करेंगे स्क्रीन पर दिए गए इंस्ट्रक्शंस के तहत प्रोसेस शुरू कर दें. अब आपको अपनी गाड़ी की कई एंगल से ली गई साफ फोटो अपलोड करनी होती है. एक फोटो में यह साफ दिखना चाहिए कि फास्टैग विंडशील्ड पर सही जगह लगा है.
इसके बाद RC की स्कैन कॉपी अपलोड करें और मांगी गई बाकी डिटेल भर दें. सब कुछ चेक करने के बाद सबमिट कर दें. आम तौर पर यह प्रक्रिया बैकएंड में करीब 7 दिन लेती है. स्टेटस की जानकारी आपको ईमेल या SMS से मिल जाती है और चाहें तो पोर्टल या ऐप में भी इसे आसानी से ट्रैक कर सकते हैं.
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Source: IOCL





















