Rajasthan News: कोटा में स्टूडेंट्स के लिए गेट कीपर ट्रेनिंग, जानें तनाव कम करने में कैसे मिलेगी मदद?
Kota News: नोडल ऑफिसर सुनीता ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि कोटा में एक भी सुसाइड ना हो, यह हमारा टारगेट है. कोटा में एक भी बच्चा स्ट्रेस में नहीं रहे यही हमारा ध्येय है.
Kota Suicide Cases Prevention: राजस्थान के कोटा शहर में अक्सर सुसाइड के केस सामने आते रहते हैं. इसको लेकर के समन्वय नोडल ऑफिसर सुनीता डागा ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि कोटा में एक भी सुसाइड ना हो, यह हमारा टारगेट है, इसे रोकने का क्या रास्ता हो सकता है, कोटा में एक भी बच्चा स्ट्रेस में नहीं रहे यही हमारा ध्येय है.
कोटा जिला प्रशासन की ओर से कोटा के 4 हजार हॉस्टल व हजारों पीजी में गेट कीपर ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने गेट कीपर ट्रेनिंग के दौरान हॉस्टल में बच्चों के सबसे नजदीक रहने वाले लोगों को समझाया कि हर किसी बच्चे की मेंटल हेल्थ अच्छी नहीं होती और वह डिप्रेशन में जाता है तो उसे कैसे रोका जा सके यही आपको बताया जा रहा है.
ट्रेनिंग दे रही नोडल ऑफिसर आरएएस अधिकारी सुनीता डागा ने कहा कि आज कल के बच्चे पढ़ाई ज्यादा करते हैं, मेंटली स्ट्रेस में ज्यादा रहते है, परिवार के कारण, आर्थिक दृष्टि के कारण उसे स्ट्रेस आ रहा है तो हम उसे किस तरह से कम कर सकते हैं, किस माध्यम को अपना सकते हैं यह समझाना होगा. डागा ने कहा कि आप सब बच्चों के पास और उनके साथ में रहते हैं, बच्चों को अच्छी तरह से देखते हैं, उनके भोजन से लेकर सोने तक की प्रक्रिया को देखते हैं, उनसे बात करते हैं तो सबसे ज्यादा जुड़ाव बच्चों का आप लोगों से रहता है.
व्यवहार में परिवर्तन आने पर शीघ्र काउंसलर को बताएं
सुनीता डागा ने गेट कीपर ट्रेनिंग में कहा कि आप लोग बच्चों से बात करें, उनसे चर्चा करें, उनके व्यवहार में यदि कोई परिवर्तन आ रहा है तो वह किस कारण से आ रहा है, उस बच्चों को स्ट्रेस है, बच्चे पर माता-पिता का दबाव है या वह अच्छा नहीं कर पा रहा है, नम्बर कम आ रहे हैं या कोई दोस्ती का प्रेशर है या कहीं इलीगल एक्टिविटी में फंस गया है. ऐसा बच्चा भटक सकता है, ऐसी स्थिति में हमारा रोल रहेगा की हम हमसे सीनियर को बताएं कि यह बच्चा ठीक नहीं है. ऐसे में उस बच्चे की काउंसलिंग करवाई जाएगी या उसे वापस घर भेज दिया जाएगा. स्टूडेंट अपने आप को बड़ा मानता है लेकिन वह सही और गलत की अच्छी से समझ उसे नहीं होती. कोई बच्चा प्रेशर में तो नहीं है यह हमें देखना होगा.
समस्या के समाधान का प्रयास के लिए है गेट कीपर ट्रेनिंग
सुनीता डागा ने बताया कि समस्या का समाधान करने का प्रयास के लिए ही यह ट्रेनिंग है. बच्चों के स्ट्रेस की अवस्था में उनके दिनचर्या उनके व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है, ऐसे में तुरंत ही बताएं ताकि एक भी जीवन को बचाया जा सके. चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि लैंडमार्क सिटी कुन्हाड़ी एरिया में 1738 लोगों ने अब तक गेट कीपर ट्रेनिंग ली है. 3 फरवरी को 814 लोगों ने गेट की पर ट्रेनिंग ली. वहीं 8 फरवरी को 924 लोगों ने गेट कीपर ट्रेनिंग ली, कुल मिलाकर 1738 लोगों ने गेटकीपर ट्रेनिंग ली वहीं जवाहर नगर, राजीव गांधी नगर, में भी करीब दो हजार से अधिक लोगों ने गेट कीपर ट्रेनिंग ली है, ताकि हम बच्चों के स्ट्रेस को कम कर सके, उन्हें खुशनुमा माहौल दे सके, उनके जीवन को बचा सके.
ये भी पढ़ें: Rajasthan Budget: महाराणा प्रताप सर्किट का 100 करोड़ की लागत से होगा विकास, दीया कुमारी ने दिल्ली तक उठाई थी यह मांग
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets