Rajasthan: राजस्थान में मछली पकड़ना और कोचिंग सेंटर चलाना पड़ेगा भारी! गवर्नर ने इस बिल को दी मंजूरी
Rajasthan News: राजस्थान में गवर्नर ने मत्स्य क्षेत्र संशोधन और कोचिंग सेंटर्स रेग्यूलेशन बिल को मंजूरी दे दी है. अब मछली मारना और कोचिंग संचालन नियमों के तहत कड़ी निगरानी में होगा.

नदी, नालों और नहरों में कई बार लोग मछली पकड़ते हुए देखे जाते हैं, लेकिन अगर आप भी उनमें से एक हैं और बिना परमिशन मछली पकड़ने का काम करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि अब सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने वाली है. इसके अलावा बिना सरकार के इजाजत कोचिंग सेटर भी चलाना गैरकानूनी माना जाएगा.
राजस्थान में गवर्नर ने 2 अहम बिलों को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद ये कानून बन चुके हैं. इन बिलों में मत्स्य क्षेत्र संशोधन कानून और कोचिंग सेंटर्स रेग्यूलेशन बिल शामिल हैं. गवर्नर की मंजूरी और गजट नोटिफिकेशन के बाद अब दोनों बिल राज्य में लागू होंगे. ये कदम राज्य में संसाधनों के संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
मत्स्य क्षेत्र संशोधन कानून: मछली पालन पर नियंत्रण
मत्स्य क्षेत्र संशोधन कानून के तहत अब नदी, नाले, तालाब और बांधों में बिना परमीशन के मछली मारना गैरकानूनी होगा. इस कानून का उल्लंघन करने पर पहली बार में 25 हज़ार रुपए का जुर्माना और तीन महीने की जेल का प्रावधान है. दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना बढ़कर 50 हज़ार रुपए और जेल की अवधि छह महीने तक हो सकती है. यह कानून राज्य में मत्स्य संपदा के संरक्षण और अवैध मछली पकड़ने पर रोक लगाने का प्रयास है.
कोचिंग सेंटर्स रेग्यूलेशन बिल
साथ ही, कोचिंग सेंटर्स रेग्यूलेशन बिल को भी गवर्नर की मंजूरी मिल गई है. इस कानून में कोचिंग संस्थानों के संचालन, लाइसेंसिंग और निगरानी से संबंधित कई प्रावधान किए गए हैं. बिल का उद्देश्य छात्रों के हित में कोचिंग सेंटरों के मानक तय करना और अवैध या अनियमित संस्थानों पर रोक लगाना है. इसके लागू होने के बाद राज्य में शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी.
विधानसभा के मानसून सत्र में पारित हुए प्रमुख बिलों में अब एंटी कन्वर्जन यानी धर्मांतरण बिल को गवर्नर की मंजूरी मिलनी बाकी है. इस कदम से राज्य में कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार, इन बिलों के लागू होने से संसाधनों और शिक्षा क्षेत्र में बेहतर नियंत्रण तथा नियमों का पालन सुनिश्चित होगा.
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