भक्ति के चोले के पीछे जासूसी, अलवर से पाकिस्तानी जासूस मंगत सिंह गिरफ्तार
Alwar News: खुलासे में सामने आया है कि मंगत सिंह ऑपरेशन सिंदूर से पहले से ही पाकिस्तान के संपर्क में था और पुलवामा हमले को लेकर भी उसने पाकिस्तानी हैंडलरों से बातचीत की थी.

राजस्थान की खुफिया एजेंसियों ने उस राज से पर्दा उठा दिया है, जिसने पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिला दिया है. अलवर जिले से गिरफ्तार 'सिद्ध पुरुष' मंगत सिंह कोई साधु या धार्मिक व्यक्ति नहीं, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का प्रशिक्षित जासूस निकला. लंबे समय से अलवर और नीमराना इलाके में आध्यात्मिक छवि के साथ सक्रिय मंगत सिंह का नेटवर्क भारत की सुरक्षा व्यवस्थाओं तक अपनी जड़ें फैलाए बैठा था.
खुलासे में सामने आया है कि मंगत सिंह ऑपरेशन सिंदूर से पहले से ही पाकिस्तान के संपर्क में था और पुलवामा हमले को लेकर भी उसने पाकिस्तानी हैंडलरों से बातचीत की थी. आरोपी के मोबाइल से कई गुप्त सूचनाएं साझा किए जाने के सबूत मिले हैं और यही मोबाइल अब एफएसएल जांच के लिए भेजा गया है.
किया पैसों का लेनदेन
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, मंगत सिंह न केवल हनीट्रैप का शिकार हुआ, बल्कि उसने इसके बदले में पैसों का लेन-देन भी किया. 8000 और 1500 के कई ट्रांजेक्शन उसके मोबाइल और अकाउंट से मिले हैं. ये रकम पाकिस्तानी ISI की ओर से भेजी गई थी, जो कभी उसके अपने अकाउंट में और कभी दूसरों के मोबाइल व खातों में डाली गई. मोबाइल में दो अहम नंबर ईशा शर्मा और ईशा घोष के नाम से मिले हैं. इंटेलिजेंस को शक है कि इन्हीं नामों के जरिये हैंडलर उसे 'हनी ट्रैप ऑपरेशन' में फंसाते रहे.
मकान में लगा ताला
अलवर और आस-पास के इलाकों में मंगत सिंह 'सिद्ध पुरुष' के नाम से मशहूर था. लोग उसे आध्यात्मिक व्यक्ति समझते थे वह एक फैक्ट्री में काम करता था. अलवर शहर में सूर्य नगर में पिछले 13 सालों से एक किराए के मकान में रहता था, यहां उसकी पत्नी, तीन बच्चे और मां भी साथ रहती थी. यह मकान अलवर पुलिस में तैनात एक कांस्टेबल का बताया जा रहा है. मीडिया में खबरें आने के बाद मंगत सिंह का परिवार यहां से चला गया है फिलहाल मकान पर ताला लगा है.
भक्ति के चोले में जासूसी
इंटेलिजेंस का कहना है कि आरोपी भक्ति के चोले में जासूसी का कारोबार चल रहा था. जांच में सामने आया है कि मंगत सिंह ने नीमराना क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने की कोशिश की, जहां आर्मी और बीएसएफ की गतिविधियां हैं. यह आशंका जताई जा रही है कि उसके तार सेना के अंदर तक फैले हो सकते हैं. इंटेलिजेंस यह भी जांच रही है कि किस प्रकार ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचीं.
तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया
शनिवार को मंगत सिंह को अलवर से गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया, जहां उसे अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आरोपी को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया था. अब इंटेलिजेंस और एटीएस की संयुक्त टीम आरोपी को विभिन्न लोकेशनों पर लेकर पूछताछ करेगी ताकि उसके संपर्क, नेटवर्क और पैसों की चैन का पता लगाया जा सके.
मंगत सिंह के खिलाफ पुख्ता सबूत
स्पेशल पीपी सुदेश कुमार सतवान ने बताया कि मंगत सिंह के खिलाफ सबूत बेहद पुख्ता हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई मासूम व्यक्ति नहीं, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाला व्यक्ति है. वह पूरी तरह जानता था कि वह क्या कर रहा है.
गौरतलब है कि यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान में सामने आया पांचवां जासूसी नेटवर्क है. इंटेलिजेंस एजेंसियां लगातार सतर्क हैं और सीमावर्ती इलाकों में आईएसआई के छिपे एजेंटों की तलाश तेज कर दी गई है. देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह केस एक बड़ा अलर्ट सिग्नल है कि अब जासूसी के लिए बंदूक नहीं, बल्कि 'आस्था और भरोसे' का मुखौटा भी इस्तेमाल किया जा रहा है. अलवर के 'सिद्ध पुरुष' से लेकर पाकिस्तान के 'खुफिया मसीहा' तक यह कहानी बताती है कि जासूसी अब चोले और चुप्पी के पीछे भी पनप रही है.
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