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NEET- UG Entrance Exam: मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बड़ा बदलाव, NTA अब मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम का नहीं करेगा आयोजन
NEET UG Result 2023: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के आयोजन में नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी द्वारा कई बदलाव किए गए हैं. इनमें इनमें से कुछ बदलाव तार्किक है तो कुछ समझ से परे हैं.

(मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कई बदलाव)
Source : दिनेश कश्यप
NEET UG Exam: मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के आयोजन में नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी द्वारा कई बदलाव किए गए हैं. इनमें इनमें से कुछ बदलाव तार्किक है तो कुछ समझ से परे हैं. कमीशन द्वारा जारी किया गया नया एज-क्राइटेरिया तार्किक नहीं है तथा समझ से परे है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नए एज क्राइटेरिया के अनुसार विद्यार्थी को परीक्षा-वर्ष की 31-जनवरी को 17-वर्ष की उम्र पूर्ण करनी होगी. जबकि पिछले एज-क्राइटेरिया के अनुसार विद्यार्थी परीक्षा-वर्ष में 31-दिसंबर तक 17-वर्ष की उम्र पूर्ण करने पर भी नीट-यूजी परीक्षा में सम्मिलित होने का पात्र था.
सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि विद्यार्थी को 17-वर्ष की उम्र पूर्ण करने के लिए पहले की तुलना में अब 11 महीने कम मिलेंगे. नए एज-क्राइटेरिया के अनुसार जिन विद्यार्थियों की उम्र 31-जनवरी, 2024 तक 17-वर्ष पूर्ण नहीं होगी वे नीट-2024 में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे. देव शर्मा ने बताया कि यदि पुराने एज-क्राइटेरिया को लागू किया जाता तो 31-दिसंबर,2024 तक 17-वर्ष की उम्र पूर्ण करने वाले विद्यार्थी भी नीट-2024 में सम्मिलित होने के पात्र होते. निश्चित तौर पर इस ने एज-क्राइटेरिया से प्रतिभाशाली विद्यार्थी नीट-यूजी परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित हो सकते हैं.इन को दी जाएगी बेहतर रैंक
कमीशन द्वारा टाइ ब्रेकिंग नियमों में भी आमूलचूल परिवर्तन किया गया है. नए क्राइटेरिया के अनुसार विद्यार्थियों के कुल-अंक समान होने पर फिजिक्स विषय में अधिक अंक प्राप्त करने वाले को बेहतर रैंक दी जाएगी. यदि फिर भी टाइ होता है तो फिर केमिस्ट्री तथा अंतत: बायोलॉजी के अंकों के आधार पर टाइ-ब्रेकिंग होगा. देव शर्मा के अनुसार नया टाइ-ब्रेकिंग क्राइटेरिया तार्किक प्रतीत होता है क्योंकि फिजिक्स-विषय में बेहतर अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी की तार्किक क्षमता निश्चित तौर पर बेहतर होगी.
देव शर्मा ने बताया कि नीट-यूजी के लिए जारी किए गए एलिजिबिलिटी-क्राइटेरिया के अनुसार 12वीं बोर्ड में अंक प्रतिशत की बाध्यता समाप्त कर दी गई है. अब 12वीं बोर्ड में उत्तीर्ण सभी विद्यार्थी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में ड्यूटी में सम्मिलित होने के पात्र होंगे.
60680 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध थीं
देव शर्मा ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी,नई दिल्ली द्वारा हाल ही में जारी किए गए एमबीबीएस-सीटों के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 695-मेडिकल संस्थानों में 1-लाख,6-हजार-333 एमबीबीएस सीटें आवंटन के लिए उपलब्ध हैं. कोविड पूर्व वर्ष-2019 के नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी नई,दिल्ली के आंकड़ों पर नजर डाले जाए तो ज्ञात होता है कि उस समय देश के 497-मेडिकल संस्थानों में 60680-एमबीबीएस सीटें उपलब्ध थीं.
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