Rajasthan News: भालू की इस पिक्सर को लेने में लगे 5 साल, जानिए आखिर क्या है इसमें इतना खास?
Kota: कोटा के जंगल में बड़ी संख्या में भालू देखने को मिलते हैं. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और फोटोग्राफर आदिल सैफ ने बताया कि भालू रात को अधिक देखा जाता है. भालू रात्रिचर जीव होता है.

Kota News: कोटा का एक बडा भाग जंगल से अटा पडा है. यहां का सैंकड़ो किलोमीटर का जंगल जीव जंतुओं के लिए वरदान है. यहां तेजी से वन्यजीव बढ़ रहे हैं. पैंथर और भालू तो यहां काफी अधिक पाए जाते हैं, जो कई बार शहर की तरफ भी रुख कर चुके हैं. वहीं वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और फोटोग्राफर आदिल सैफ ने बताया कि वन्य जीव आमतौर पर आसानी से दिखते नहीं है.
उन्होंने बताया कि कभी-कभी कुछ क्षण ऐसे भी देखने को मिलते हैं, जब प्रकृति के नजारे और वन्य जीव दोनों साथ में देखने को मिल जाएं. चंबल नदी के दोनों किनारो के जंगल पर भालू हैं. चंबल का प्राकृतिक सौंदर्य और वहां भालू की चहलकदमी की एक फोटो लेने में उन्हें पांच साल लगे. हालाकिं उनके पास कई फोटो हैं, लेकिन कुछ लम्हे खास होते हैं.
भालू दूर से सूंघ लेता है भोजन
उन्होंने बताया कि भालू रात को अधिक देखा जाता है. इसलिए उसको कैमरे में कैद किया जाना थोडा मुश्किल हो जाता है. भालू रात्रिचर जीव होते हैं, जो रात के समय में अधिक निकलते हैं. ये भोजन की तलाश में निकलते है. इनका मुख्य भोजन दीमक, छोटे कीड़े, बेरी, तेन्दु फल और शहद होता है. इनके पास सूंघने की शक्ति अच्छी होती है. यह कई किलोमीटर दूरी से भोजन को सूंघ लेते है.
कोटा में अक्सर दिखाई देता हैं भालू
कोटा शहर में कई बार भालू देखे गए जो भोजन पानी की तलाश में आ जाते हैं. या रास्ता भटक जाते हैं. अधिकतर थर्मल एरिया, नांता, दरा और रावतभाटा, सहित खेतों में अक्सर भालू और वन्यजीव आ जाते हैं. चंबल में वन्य जीव काफी अच्छी संख्या में पाए जाते हैं. कोटा में भालुओं की संख्या काफी अच्छी है. देखा जाए तो प्रदेश में माउंट आबू के बाद में भालूऔं की अच्छी संख्या अगर कहीं पाई जाती है तो वो है कोटा. यहां उनके लिए अच्छा हैबिटाट है और भोजन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.
वहीं दूसरे वन्य जीवों की बात की जाए तो उच्च कोटि का शिकारी तेंदुआ भी देखने को मिलता है. साथ ही यहां भालू, जरख, सियार, भेड़िया, लोमड़ी नीलगाय, जंगली सूअर और आउल की चार से पांच प्रजातियां यहां पाई जाती है. जिसमें इंडियन ईगल आउल, ब्राउन फिश आउल, डस्की होर्नड आउल आदि पाए जाते हैं. साथ ही यहां पर बारासिंघा, हिरण, चीतल के साथ ही लुप्त होती गिद्धों की संकट ग्रस्त प्रजाति भी पाई जाती है.
Source: IOCL





















