(Source: ECI | ABP NEWS)
जोधपुर अस्पताल में बड़ा हादसा, ऑक्सीजन चढ़ते वक्त बीड़ी पीने का शौक पड़ा भारी, लगी आग
Jodhpur News: जोधपुर के टीबी अस्पताल में भर्ती श्यामलाल नामक एक मरीज ने ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहते हुए बीड़ी सुलगा ली, जिससे आग लग गई. उसके हाथ और चेहरा झुलस गए. अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.

राजस्थान के जोधपुर जिले के टीबी अस्पताल में मंगलवार (3 नवंबर) को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था. यहां भर्ती एक मरीज ने जिंदगी भर बीड़ी पीने के चक्कर में अपनी सेहत का बुरा नुकसान कर लिया. अब वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, लेकिन बीड़ी की लत नहीं छूट रही. इस लत ने मरीज से ऐसा कांड करा दिया, जिसके बारे में जानकर आप भी सोचेंगे कि नशा आदमी को जान पर खेलने पर भी मजबूर कर देता है.
दरअसल, कमला नेहरू नगर में बने टीबी अस्पताल में श्यामलाल नाम का एक मरीज भर्ती है. उसे लगातार ऑक्सीजन चढ़ाई जा रही है, क्योंकि सिगरेट-बीड़ी के चक्कर में उसने अपने फेफड़े खराब कर लिए. उसकी तबीयत नाजुक है. हालांकि, नशे के आदी इस मरीज ने इलाज के बीच ही चुपके से बीड़ी सुलगा ली. जैसे ही माचिस जली, ऑक्सीजन पाइप में आग भड़क गई.
मरीज का चेहरा और हाथ झुलसे
देखते ही देखते श्यामलाल के चेहरे और हाथों में आग लग गई और वह चीखने लगा. अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने फौरन सूझबूझ दिखाते हुए आग पर काबू पाया. गनीमत यह रही कि वक्त रहते आग बुझा दी गई, वरना ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से पूरा वार्ड हादसे की चपेट में आ सकता था.
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीआर चौधरी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मरीज को ऑक्सीजन दी जा रही थी. उसी दौरान उसने चुपके से बीड़ी जलाई, जिससे आग लग गई. नर्सिंग कर्मचारियों ने तुरंत कार्रवाई कर आग बुझाई. तब तक मरीज के हाथ और चेहरा झुलस गए थे. उसका इलाज जारी है.”
मरीज के पास क्यों रखी थी बीड़ी और लाइटर?
इस घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. यह कैसे संभव हुआ कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर रह रहे मरीज के पास बीड़ी, माचिस या लाइटर जैसी चीजें पहुंच गईं? अस्पताल प्रशासन ने फिलहाल आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं और संबंधित वार्ड के कर्मचारियों से रिपोर्ट मांगी गई है. अस्पतालों में नशे की वस्तुएं लाना सख्त मना है, फिर भी मरीज बीड़ी कैसे जलाने में सफल हुआ, यह बड़ा सवाल है.
जोधपुर में यह घटना इस बात की चेतावनी है कि अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन न किया जाए तो छोटी सी लापरवाही बड़े हादसे का रूप ले सकती है. फिलहाल श्यामलाल का इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे.
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