जयपुर विकास प्राधिकरण का अजीबोगरीब कारनामा, भगवान शिव के नाम से अतिक्रमण नोटिस जारी
Jaipur News: नोटिस किसी पुजारी-प्रबंधक या व्यवस्था से जुड़े किसी कर्मचारी नहीं, बल्कि सीधे तौर पर भगवान के नाम है. नोटिस में अतिक्रमण नहीं हटा तो 1 साल कैद और एक लाख तक का जुर्माना लगाने की बात कही.

राजस्थान की राजधानी में जयपुर विकास प्राधिकरण का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. प्राधिकरण की ओर से भगवान शिव को ही अतिक्रमण का नोटिस जारी किया. चस्पा नोटिस में मंदिर में भगवान से एक हफ्ते में अतिक्रमण हटाने को कहा गया है. इसके साथ ही अतिक्रमण हटाकर हफ्ते भर में विकास प्राधिकरण को सूचना देने के लिए भी कहा है. वहीं नोटिस में इस बात का अल्टीमेटम भी दिया गया है कि अगर भगवान भोलेनाथ ने एक हफ्ते में अतिक्रमण हटाकर जेडीए को सूचना नहीं दी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जेल और जुर्माना लगाने की दी चेतावनी
नोटिस में कहा गया है कि अगर अतिक्रमण नहीं हटा तो इसके तहत एक साल की कैद की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. विकास प्राधिकरण ने जयपुर शहर के वैशाली नगर इलाके के शिव मंदिर के गेट पर नोटिस को चस्पा कर दिया है.
नोटिस किसी पुजारी-प्रबंधक या व्यवस्था से जुड़े किसी कर्मचारी के नहीं, बल्कि सीधे तौर पर भगवान के नाम है. इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं. इसके साथ ही कई अन्य देवी देवताओं की भी मूर्तियां लगी हुई हैं.
प्राधिकरण की जमीन पर बना है मंदिर
बता दें कि यह मंदिर जयपुर विकास प्राधिकरण की जमीन पर ही है. विकास प्राधिकरण ने कई दशक पहले इस मंदिर को खुद ही यहां स्थापित कराया था. मंदिर पहले दूसरी जगह था, जिसे विकास प्राधिकरण ने यहां शिफ्ट किया था. भगवान को नोटिस भेजे जाने से मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु नाराज हैं.
श्रद्धालुओं ने नोटिस को निरस्त किए जाने, जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग की है. लोगों ने इस बात की चेतावनी दी है कि अगर नोटिस को निरस्त कर अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
मामले पर प्राधिकरण ने साधी चुप्पी
इस मामले में जयपुर विकास प्राधिकरण ने फिलहाल चुप्पी साथ रखी है. विकास प्राधिकरण का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. अनौपचारिक तौर पर हुई बातचीत में एक अधिकारी ने यह जरूर कहा कि इस मामले में जांच कराई जा रही है कि नोटिस कैसे जारी हो गया.
विकास प्राधिकरण की दलील है कि सिर्फ भेजे जाने वाले का नाम ही गलत है. एक अधिकारी ने कहा है कि वहां के पुजारी नोटिस लेने को तैयार नहीं थे. इस वजह से इस मंदिर के नाम जारी कर गेट पर चस्पा करा दिया गया. भगवान को नोटिस जारी किए जाने का यह मामला सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























