इंटरनेशनल टाइगर वीक: रणथंभौर में टूरिज्म से से बाघों को हो रहा सबसे ज्यादा नुकसान, समाधान पर हुई चर्चा
Rajasthan News: रणथंभौर में अंतर्राष्ट्रीय बाघ सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसमें बाघ संरक्षण और मानव-बाघ संघर्ष के समाधान पर चर्चा हो रही है. आयोजन में वाइल्डलाइफ, पर्यटन और पर्यावरण विशेषज्ञ शामिल हैं.

Rajasthan Ranthambore International Tiger Week: राजस्थान के रणथंभौर में शुक्रवार (11 अप्रैल) से इंटरनेशनल टाइगर वीक की शुरुआत हो गई है. इस टाइगर वीक में मुख्य रूप से बाघों के संरक्षण पर चर्चा करते हुए उन्हें बचाने की रणनीति तय की जा रही है. तीन दिनों के इस आयोजन में वाइल्ड लाइफ, टूरिज्म और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले एक्सपर्ट्स अपनी बातें रख रहे हैं.
आयोजन के दूसरे दिन शनिवार (12 अप्रैल) को राजस्थान सरकार के कृषि, बागवानी एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जंगल और ग्रामीणों से जुड़े विषयों पर अपने विचार रखेंगे. इंटरनेशनल टाइगर वीक का यह चौथा आयोजन है.
नम्रता भारती ने किया उद्घाटन
इस इंटरनेशनल टाइगर वीक का उद्घाटन राजस्थान वाइल्ड लाइफ बोर्ड की सदस्य नम्रता भारती ने किया. उद्घाटन सत्र में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एम.के. रणजीत सिंह झाला और ‘टाइगर मैन’ दौलत सिंह शक्तावत ने मानव-बाघ संघर्ष के समाधान पर विचार साझा किए. एम.के. रणजीत सिंह झाला ने कहा कि बाघ मरने की खबर प्रकाशित हो जाती है, लेकिन बाघ जिस जानवर पर ज़िंदा है उनकी तादाद खत्म होती जा रही है, कुछ प्रजातियां तो विलुप्त हो हैं उस पर गौर नहीं किया जाता.
'भारत में पर्यटन बन गया है दोधारी तलवार'
एक्सपर्ट्स ने कहा कि पर्यटकों के आधिक्य ने जंगलों का चरित्र ही बिगाड़ दिया है. यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बाघों की नजर में इंसान की कोई इज्जत नहीं रह गई. जानवरों और इंसानों में एक आपसी संबंध होता है, वो इंसान ने खराब कर दिया है. हमारे नेशनल पार्क्स बुनियादी रूप से टूरिज्म के लिए नहीं बने थे, लेकिन टूरिज्म ने अपने लिए पार्क बना लिए हैं. भारत में पर्यटन दोधारी तलवार बन गया है. लोग सिर्फ जंगल में टाइगर देखने जाते हैं, उसे ही सफलता मानते हैं, जंगल देखने, उसे समझने में नहीं.
संवाद सत्र किए जाएंगे आयोजित
इंटरनेशनल टाइगर वीक के दूसरे दिन “राजस्थान–द क्राउन ज्वेल ऑफ टाइगर कंजर्वेशन, “बियॉन्ड द जंगल – सिक्योरिंग टुमारोज़ हैबिटैट्स, “गार्डियन्स ऑफ द वाइल्ड – इनोवेशन इन कंबैटिंग वाइल्डलाइफ क्राइम एंड पोचिंग”और“थ्रू द लेंस ऑफ द वाइल्ड – द राइज़ ऑफ वाइल्डलाइफ फिल्ममेकिंग इन इंडिया जैसे विषयों पर संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे.
साथ ही वन्यजीव संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सात श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा. कार्यक्रम के विशेष आकर्षणों में ऑस्कर-नॉमिनेटेड फिल्ममेकर सुब्बैया नल्लामुथु की बाघों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग और रोमांचक वाइल्डलाइफ सफारी भी शामिल हैं.
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