पंजाब रोडवेज की हड़ताल खत्म, जायज मांगों को पूरा करने का सरकार से आश्वासन, निलंबित कर्मचारियों का क्या होगा
Punjab News: पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाएं सुनिश्चित करते हुए कर्मचारी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. बातचीत के जरिये मुद्दों को सुलझाया जा सकता है.

पंजाब में रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों ने रविवार (30 नवंबर) शाम परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ मैराथन बैठक के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली. इस घटनाक्रम से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि वे तीन दिन से जारी हड़ताल के कारण बस सेवा के बड़े पैमाने पर प्रभावित होने से परेशान थे.
तरनतारन जिले में मंत्री और पंजाब रोडवेज, पंजाब राज्य बस स्टैंड प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (पनबस) और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के बाद बस सेवाएं फिर से शुरू हो गईं. रविवार को यह बैठक लगभग छह घंटे तक चली. भुल्लर ने कहा कि बस ड्राइवर और ऑपरेटर्स को आश्वासन दिया गया है कि उनकी जायज मांगों पर ध्यान दिया जाएगा.
निलंबित कर्मचारियों को किया जाएगा बहाल
मंत्री ने कहा, ''प्रदर्शन के दौरान निलंबित किए गए कर्मचारियों को बहाल किया जाएगा. प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी किलोमीटर-आधारित बस योजना में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. इस योजना के तहत निजी ऑपरेटर परिवहन विभाग को बसें पट्टे पर देते हैं और उन्हें प्रति किलोमीटर एक निश्चित दर पर भुगतान किया जाता है.''
सभी मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता-मंत्री
उन्होंने आगे कहा कि सरकार सुचारु पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाएं सुनिश्चित करते हुए कर्मचारी कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है. यूनियन के एक प्रतिनिधि ने बताया कि मंत्री ने निलंबित और बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली का वादा किया है और 1,000 नयी बसें जोड़ने की प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने बताया कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि हिरासत में लिए गए कर्मचारियों को रिहा कर दिया जाएगा.
CM भगवंत मान ने काम पर लौटने के लिए किया था आग्रह
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को प्रदर्शनकारी संविदा कर्मचारियों से काम पर लौटने और सरकार से बातचीत करने का आग्रह किया था. उसी दिन पीआरटीसी ने 22 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था और कई अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे. प्रदर्शन से पहले, कई यूनियन नेताओं को हिरासत में लिया गया था, जिससे कई जगहों पर झड़पें हुई थीं. संगरूर में प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया था, जब कुछ मजदूर बसों पर चढ़ गए और उन्हें नीचे उतारने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल छिड़क दिया.
Source: IOCL






















