Lok Sabha Election 2024: पंजाब में BJP ने दूसरी पार्टी से नेताओं को दी तवज्जो, जातिगत समीकरण को लेकर बड़ा खेल । पूरा गणित
Punjab Lok Sabha Election 2024: पंजाब में बीजेपी इस बार अकाली दल के बिना लोकसभा चुनाव में उतरी है. इसको लेकर बीजेपी ने सारे सियासी समीकरण देखकर 6 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारा है.

Punjab Lok Sabha Chunav 2024: पंजाब में बीजेपी ने 28 साल बाद अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर चुनाव लड़ रही बीजेपी उम्मीदवारों का चयन भी सारे सियासी समीकरण बैठाकर कर रही है. इसके लिए दूसरी पार्टियों से आए तीन सांसदों को भी टिकट दिया गया है. यहीं नहीं तीन ऐसे चेहरों को टिकट दिया गया है कि जिनके परिवार का सिख समुदाय में अच्छा खासा प्रभाव है. इसके साथ ही इन 6 चेहरों में एक लोकल चेहरा भी रखा गया है, जिसका अपने क्षेत्र में प्रभाव है.
बीजेपी की तरफ से जिन 6 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. उनके लिए चुनौतियां कम नहीं हैं, क्योंकि जो दूसरी पार्टी छोड़कर आए हैं उनके पार अपने पुराने दिग्गजों का साथ नहीं है. इसके अलावा जो नए चेहरे हैं उनका पैराशूट उम्मीदवार बताकर विरोध होगा. वहीं बीजेपी के इन उम्मीदवारों का सामना एक तरफ तो आम आदमी पार्टी के मंत्रियों से होगा. दूसरी तरफ कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल भी इन प्रत्याशियों की टक्कर में मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे.
किसका, किससे होगा मुकाबला?
दूसरे दलों से आए इन नेताओं को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार
• आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए सांसद सुशील कुमार रिंकू को जालंधर से चुनाव मैदान में उतारा गया है. इस सीट पर अभी अन्य किसी पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. AAP की तरफ से टिकट मिलने के बाद रिंकू ने बीजेपी ज्वाइन की. ऐसे में पार्टी छोड़ने से नाराज वर्कर उन्हें गद्दार बताकर विरोध कर सकते हैं. वहीं दलित चेहरा होने की वजह से चुनाव में उन्हें फायदा भी मिल सकता है.
• दूसरे नंबर पर बात करते हैंपरनीत कौर की तो वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई हैं. सिख समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ है. पटियाला लोकसभा सीट में 55.06 प्रतिशत सिख वोट है. वे कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. इसका भी उन्हें फायदा मिलेगा. वहीं उनके लिए टक्कर इस बार कड़ी होने वाली है AAP की तरफ से पटियाला से डॉ. बलबीर सिंह मैदान में हैं.
• तीसरे नंबर पर बात करें सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की तो वे भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. लुधियाना से बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया है, इस सीट पर 53.26 प्रतिशत सिख वोटर है. सिख होने के नाते रवनीत सिंह बिट्टू को इसका फायदा मिल सकता है. वहीं बीजेपी में आने से पहले उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को भरोसे में नहीं लिया. इस वजह से वे नाराज बताए जा रहे हैं.
इन चेहरों का भी खासा प्रभाव
• तरनजीत सिंह संधू को बीजेपी ने अमृतसर से चुनाव मैदान में उतारा है. उनके दादा समुंद्री गुरुद्वारा सुधार के प्रमुख नेता रह चुके हैं. सिख धर्म में उनके परिवार का खासा प्रभाव है. अमृतसर में 68.94 प्रतिशत सिख वोट है, जिनका फायदा उन्हें मिल सकता है लेकिन पैराशूट उम्मीदवार होने का खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.
• हंस राज हंस एक बड़े कलाकार हैं. वे बाल्मिकी परिवार से आते हैं. फरीदकोट में 34 प्रतिशत वाल्मीकि है. जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है. लेकिन पैराशूट उम्मीदवार होने का नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. वहीं उनकी टक्कर AAP के उम्मीदवार कॉमेडियन कर्मजीत अनमोल से है.
• दिनेश सिंह बब्बू 26 साल पुराने टकसाली है. उन्हें बीजेपी ने अभिनेता सन्नी देओल की जगह गुरदासपुर से टिकट दिया है. वे तीन बार विधायक भी रह चुके है. इसके साथ ही वे लंबे समय से गुरदासपुर क्षेत्र में एक्टिव रहे है. अपने लोकसभा क्षेत्र में न आने की वजह से सन्नी देओल का गुरदासपुर में विरोध होता रहा है. इसका कुछ खामियाजा दिनेश सिंह बब्बू को भी हो सकता है.
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