'कांग्रेस में नुकसान इसलिए...', कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर सुखजिंदर सिंह रंधावा की प्रतिक्रिया
Punjab Politics: कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र कमजोर है, लेकिन बीजेपी में तानाशाही है.

पूर्व पंजाब मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह एक सेक्युलर, सधे हुए प्रशासक और स्पष्टवादी नेता रहे हैं और कांग्रेस को लेकर उनकी बातों में सच्चाई है. रंधावा ने माना कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र कमजोर है, जो आज के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए भी चेतावनी है.
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का राजनीतिक कद कांग्रेस ने ही बनाया. जब-जब अमरिंदर सिंह कांग्रेस में रहे, पार्टी ने उन्हें नेतृत्व और सम्मान दिया. लेकिन जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी, तब वे जनाधार को उसी स्तर पर बनाए नहीं रख सके और चुनावी सफलता भी नहीं मिली. रंधावा ने यह भी कहा कि निजी मतभेदों के बावजूद वह आज भी अमरिंदर सिंह का सम्मान करते हैं, क्योंकि वे अपने शब्दों पर खरे उतरने वाले और साथ खड़े रहने वाले नेता हैं.
बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म- रंधावा
रंधावा ने कांग्रेस और बीजेपी की कार्यशैली की तुलना करते हुए कहा कि अनुशासन जरूरी है, लेकिन अगर अनुशासन तानाशाही में बदल जाए तो वह किसी भी पार्टी और देश के लिए खतरनाक होता है. एएनआई को दिए बयान में उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र लगभग खत्म हो चुका है और निर्णय ऊपर से थोपे जा रहे हैं. उनका कहना था कि जिस पार्टी में संवाद, असहमति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया खत्म हो जाती है, वह ज्यादा समय तक टिक नहीं पाती.
#WATCH | Delhi: On BJP leader and Former Punjab CM Captain Amarinder Singh's statement, Congress leader Sukhjinder Singh Randhawa says, "One thing is very clear that he is secular, an administrator and straightforward... What he said is absolutely right: in Congress, the loss is… pic.twitter.com/jBMHIvj9Hg
— ANI (@ANI) December 14, 2025
रामलीला मैदान रैली और चुनावी सवाल
दिल्ली के रामलीला मैदान में एसआईआर के खिलाफ आयोजित कांग्रेस की रैली पर बोलते हुए रंधावा ने कहा कि यह वोट में हेराफेरी के खिलाफ लगातार चल रही लड़ाई का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था पर सवाल उठ रहे हैं. रंधावा ने आरोप लगाया कि अब स्वतंत्र संस्थाएं सरकार के दबाव में काम करती दिख रही हैं, जो लोकतंत्र के लिए बेहद चिंताजनक है.
ईवीएम विवाद और देश की दिशा
ईवीएम पर उठ रहे सवालों को लेकर रंधावा ने कहा कि अगर पूरा विपक्ष ईवीएम पर भरोसा नहीं कर रहा, तो इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. उन्होंने तर्क दिया कि दुनिया के कई देशों ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया है, फिर भारत में इसे लेकर इतनी जिद क्यों है. रंधावा ने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वालों का सपना एक सेक्युलर, नफरत-मुक्त और साथ चलने वाला भारत था, लेकिन बीजेपी उस मूल सोच को भूल चुकी है. उनके मुताबिक, नफरत का जो तूफान खड़ा किया जा रहा है, वह देश की एकता और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है.
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Source: IOCL
























