Haryana: हरियाणा में कितनी है बेरोजगारी दर? CM मनोहर लाल खट्टर बोले- 'छह फीसद से थोड़ी ही ज्यादा...'
Haryana Unemployment Rate: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीएमआईई के आंकड़े को गलत बताते हुए विधानसभा में कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर छह प्रतिशत से थोड़ी ही अधिक है.
Chandigarh: हरियाणा में बेरोजगारी की दर 6 फीसद से थोड़ी ही अधिक है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को प्रदेश विधानसभा को यह जानकारी दी. साथ ही उनकी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक संस्था के 'अविश्वसनीय' आंकड़ों को उद्धृत करने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की. कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा था कि क्या पिछले आठ वर्षों के दौरान हरियाणा में बेरोजगारी दर बढ़ी है और यदि हां, तो इसे कम करने के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं?
सीएमआईई के आंकड़े के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर 29.4 प्रतिशत
रेवाड़ी के कांग्रेस विधायक ने अपने प्रश्न के उत्तर के हिस्से के रूप में सदन में पेश किए गए पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएलएफएस डाटा का हवाला दिया गया है और यदि हम उस पर चलते हैं, तो इसके अनुसार, हरियाणा में बेरोजगारी दर 9.3 प्रतिशत है लेकिन अगर हम सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ) के आंकड़े लेते हैं तो हरियाणा में बेरोजगारी दर 29.4 प्रतिशत है.
मुख्यमंत्री ने ताजा आंकड़ों के हवाले से इसे 6.46 प्रतिशत बताया
हालांकि, खट्टर ने ताजा सरकारी आंकड़े देते हुए कहा कि वर्ष 2023 के फरवरी में राज्य में बेरोजगारी दर 6.46 फीसदी थी. विपक्षी दल राज्य में बेरोजगारी दर ज्यादा होने को लेकर अक्सर भाजपा-जजपा सरकार पर हमला करते हैं. राव ने कहा कि कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया था कि अगर सीएमआईई 'गलत' डेटा देना बंद नहीं करता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. अगर उन्हें लगता है कि आंकड़े प्रामाणिक नहीं है, तो कार्रवाई की जानी चाहिए. विधायक ने यह भी कहा कि हाल ही में पानीपत में क्लर्क के छह पदों के लिए लगभग 10,000 लोगों ने आवेदन किया था, जिनमें से कई अत्यधिक योग्य थे.उन्होंने कहा कि जब यह स्थिति है कि लिपिक पदों के लिए भी इतने योग्य युवा आवेदन कर रहे हैं तो यह राज्य में बेरोजगारी की स्थिति के बारे में बताता है. सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला देते हुए राव ने कहा कि हरियाणा बेरोजगारी में देश में नंबर एक के रूप में जाना जाने लगा है.'
सीएम बोले- कम हो रही है बेरोजगारी दर
अपने जवाब में, मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि दिसंबर 2014 में बेरोजगारी दर 7.86 प्रतिशत थी और फरवरी 2023 में यह 6.46 प्रतिशत थी. 2009-10 में यह 8.7 फीसदी थी. इससे पता चलता है कि बेरोजगारी दर कम हो रही है, खट्टर ने विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों से कहा कि जिस सीएमआईई के डाटा का वे बेरोजगारी के आंकड़ों का हवाला देते हैं उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. जहां तक सीएमआईई की बात है, उनका डेटा अक्सर बदलता रहता है. मैंने पहले भी कहा था कि 2017 के एक महीने में सीएमआईई ने हरियाणा में बेरोजगारी दर को 2 पर रखा था. अब, कभी-कभी वे कहते हैं कि यह दर 34 प्रतिशत है तो कभी 24 प्रतिशत. कभी-कभी 10 प्रतिशत अंकों का अंतर एक महीने के भीतर होता है.
गलत प्रतिशत के लिए सैंपल के डाटा को छोटा होना बताया कारण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सैंपल का डाटा छोटा है, पूरे राज्य के लिए 5,000 का सैंपल डाटा है. खट्टर ने कहा कि राज्य की रोजगार योग्य आबादी 1.86 करोड़ है और इसमें से वे 5,000 का नमूना लेते हैं, फिर प्रतिशत विश्वसनीय नहीं हो सकता. उन्होंने आगे कहा कि 1999 से 2005 तक 15,000 सरकारी नौकरियां दी गईं और 2005 से 2014 तक 86,000 नौकरियां दी गईं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पिछले आठ वर्षों के दौरान एक लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं.इस बीच, कांग्रेस सदस्य द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, यह उल्लेख किया गया था कि देश और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रोजगार का विश्वसनीय और प्रामाणिक डेटा स्रोत राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा आयोजित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) है. 2021-22 की वार्षिक पीएलएफएस रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में बेरोजगारी दर 9.3 प्रतिशत, 2020-21 में 6.6 प्रतिशत, 2019-20 में 6.7 प्रतिशत, 2018-19 में 9.8 प्रतिशत और 2017-18 में यह 8.8 प्रतिशत थी. जवाब में आगे उल्लेख किया गया है कि नियामक ढांचे को सरल बनाया गया है और निजी क्षेत्र को रोजगार पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. इन प्रयासों के कारण, 2015 के बाद से 32 लाख से अधिक नौकरियां सृजित की गई हैं.
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