Chandigarh Deputy Mayor Election: चंडीगढ़ डिप्टी मेयर चुनाव में भी BJP की बल्ले-बल्ले, AAP-कांग्रेस के उम्मीदवार को मिली हार
Chandigarh Deputy Mayor Election: चंडीगढ़ डिप्टी मेयर चुनाव में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी प्रत्याशी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को हरा दिया है.
Chandigarh: चंडीगढ़ डिप्टी मेयर चुनाव में भी बीजेपी ने बाजी मार ली है. बीजेपी प्रत्याशी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को हराया है. इससे पहले सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव में भी बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की. ये परिणाम एक तरह से आप और कांग्रेस गठबंधन के लिए बड़ा झटका है. वहीं नव निर्वाचित डिप्टी मेयर बीजेपी के राजिंदर शर्मा ने कहा है कि हम पिछली बार भी जीते थे. इस बार भी जीते हैं. उन्होंने जानबूझकर एक वोट बर्बाद किया, यह उनके बीच तालमेल को दर्शाता है.
इससे पहले चंडीगढ़ नगर निगम में सोमवार को हुए पुनर्मतदान में बीजेपी के कुलजीत सिंह संधू सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए चुने गए. संधू को 19 वोट मिले जबकि कांग्रेस के गुरप्रीत गाबी को 16 वोट मिले. एक वोट अवैध घोषित किया गया. कुल 35 सदस्यीय नगर निगम सदन में बीजेपी के 17 पार्षद हैं. तीन आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों के 19 फरवरी को बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी की संख्या 14 से बढ़कर 17 हो गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप कुमार को घोषित किया था नया मेयर
‘आप’ के 10 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के सात सदस्य हैं. शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है. बीजेपी नेता एवं चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर को भी निगम के पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम को 20 फरवरी को पलटते हुए आप-कांग्रेस गठबंधन के पराजित उम्मीदवार कुलदीप कुमार को नया मेयर घोषित किया था. कोर्ट ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह, जो बीजेपी नेता हैं, के खिलाफ ‘गंभीर कदाचार’ के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया था.
बीजेपी ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी. मेयर पद के लिए बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था. मतपत्रों में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए आप और कांग्रेस के पार्षदों ने सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के चुनाव का बहिष्कार कर दिया था, जिससे संधू और राजिंदर शर्मा की जीत हुई थी.
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