विधान परिषद में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे में गर्मा गरम बहस, 'कोई भी पद के लिए...'
Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र विधानपरिषद में शिवसेना यूबीटी के विधायक अंबादास दानवे के विदाई भाषण के दौरान एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे ने एक दूसरे पर तंज किए.

महाराष्ट्र विधान परिषद में बुधवार (16 जुलाई) को दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली. शिवसेना यूबीटी के विधायक अंबादास दानवे के विदाई पर भाषण के दौरान उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक दूसरे पर जुबानी तीर चलाए और चुनौती भी दी.
शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि जब अंबादास दानवे सदन में चुनकर आए थे, तो उनका अभिनंदन प्रस्ताव मैंने ही पेश किया था और आज उनके विदाई समारोह में बोल रहा हूं. ये पूर्णविराम नहीं, अल्पविराम साबित हो, ऐसी मेरी कामना है.
उद्धव ठाकरे पर एकनाथ शिंदे का तंज
शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, “आपका (अंबादास दानवे) जन्म सोने के चम्मच के साथ नहीं हुआ.” उन्होंने कहा, “अंबादास, आप बस चालक के बेटे हैं, लोकसभा में भी आपको उसी बस में बैठना था, लेकिन ठीक है, इस पर ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा.”
इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे सहकारी अंबादास दानवे, वो अपनी पहली टर्म पूरी कर रहे हैं. मैं नहीं कहूंगा कि वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं, कहिए — अंबादास, आप फिर से लौटकर आएंगे.
Uddhav Thackeray Speech Vidhan Parihad : पहिल्यांदाच एकनाथ शिंदेंसमोर सभागृहात भाषण, ठाकरेंचे हल्ले #UddhavThackeray #VidhanParihad #abpmajha pic.twitter.com/75HJHIy1Yj
— ABP माझा (@abpmajhatv) July 16, 2025
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमें अंबादास जैसा कार्यकर्ता दिया, लेकिन क्या मुख्यमंत्री हमें धन्यवाद देंगे? क्योंकि उन्होंने हमारे लोगों को अपने साथ लिया, क्या वे इस पर कभी बोलेंगे?”
शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “पद आते हैं और जाते हैं, लेकिन जनता के दिल में आपकी जो छवि बनती है, वही सबसे अहम होती है.”
एकनाथ शिंदे पर पलटवार
उन्होंने एकनाथ शिंदे पर करारा हमला बोलते हुए कहा, “अभी किसी ने कहा, आपका जन्म सोने के चम्मच के साथ नहीं हुआ, लेकिन आपने उस थाली के साथ बेईमानी भी नहीं की. सामने वाली थाली में कुछ अच्छा दिखा, इसलिए उधर नहीं गए.”
उद्धव ठाकरे ने कहा, “आपका (अंबादास दानवे) नाम एक सफल विपक्ष नेता के तौर पर लिया जाएगा. मृणाल गोरे कभी भी पद के लिए नहीं भागीं, उन्होंने अपने विचार कभी नहीं छोड़े. आज तो कोई भी पद के लिए कहीं भी छलांग लगा देता है.”
बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत कर दी थी और कई विधायकों के साथ अलग गुट बना लिया. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. फिर शिंदे मुख्यमंत्री बने. बाद में चुनाव आयोग ने शिंदे के गुट को असली शिवसेना माना. वहीं उद्धव ठाकरे की पार्टी को नया नाम और चिह्न मिला.
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