उज्जवल निकम का राज्यसभा में पहला भाषण, 'भारत को गंभीरता से नहीं लेता था पाकिस्तान, अब डरा बैठा है'
Ujjwal Nikam on Operation Sindoor: राज्यसभा के मनोनीत सांसद उज्जवल निकम ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि ये एक उत्तर नहीं था बल्कि एक संदेश था.

राज्यसभा के मनोनीत सदस्य उज्जवल निकम ने उच्च सदन में मंगलवार (29 जुलाई) को अपना पहला भाषण दिया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के माध्यम से उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कानून लड़ाई लड़ी है इसलिए आतंकवादियों को लेकर उनकी 'नॉलेज' सही है. 26/11 हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उस समय भारत को गंभीरता से नहीं लेता था. उनकी भाषा, उनके व्यवहार, उनके रवैये में एक बात साफ झलकती थी. उन्हें ये विश्वास था कि भारत निर्णायक प्रतिक्रिया नहीं देगा और न ही आतंक के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाएगा. लेकिन वो भारत तब का था, अब नहीं.
अब भारत चुप नहीं रहता, सीधा जवाब देता है- उज्जवल निकम
उज्जवल निकम ने कहा कि हमारी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से ये साफ कर दिया है कि सिर्फ हम फाइलों में नहीं लड़ते, हम फील्ड में जवाब देते हैं. भारत अब सहता नहीं है, भारत अब संकल्प करता है. अब भारत चुप नहीं रहता, भारत सीधा जवाब देता है.
नेतृत्व और सरकार की निर्णायक सोच से परिवर्तन- निकम
राज्यसभा सांसद ने कहा, "जो पाकिस्तान कभी भारत को हल्के में लेता था वही पाकिस्तान अब भारत की प्रतिक्रिया के भय से डरा बैठा है. ये परिवर्तन केवल एक नीति का नहीं, नेतृत्व और सरकार की निर्णायक सोच का है. नरेंद्र मोदी की सरकार की सोच का है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर आगे कहा कि हमने न तो पाकिस्तान की संप्रदाय का अपमान किया, न ही युद्ध का बिगुल फूंका. हमने केवल आतंक के उन अड्डों को निशाना बनाया, जहां से बार-बार हमारे देश पर हमले की साजिश रची जा रही थी.
ऑपरेशन सिंदूर एक उत्तर नहीं था बल्कि एक संदेश था- निकम
उज्जवल निकम ने ये भी कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की जवाबदेही सुनिश्चित करने की कोशिश की. लेकिन जब आतंकी बंदूकें हमारे निर्दोष नागरिकों की तरफ मुड़ीं तो भारत ने अपनी चुप्पी तोड़ी और ऑपरेशन सिंदूर एक उत्तर नहीं था बल्कि एक संदेश था. उन्होंने कहा कि ये ऑपरेशन न केवल सैन्य दृष्टि से सफर रहा बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी परिवक्वता का परिचय दिया. हमने ये सुनिश्चित किया कि किसी निर्दोष नागरिक की हताहत न हो. हमने ये सुनिश्चित किया कि भारत की छवि एक जिम्मेदार लोकतंत्र के रूप में और भी मजबूत हो.
Source: IOCL
























