जिला संपर्क प्रमुखों के साथ उद्धव ठाकरे की बैठक, राज ठाकरे की पार्टी की मांगी 'रिपोर्ट'
Maharashtra Politics: जिला संपर्क प्रमुखों की बैठक के दौरान MNS के साथ संभावित गठबंधन पर भी चर्चा की गई. उद्धव ठाकरे ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी.

राज्य में नगरपालिका चुनावों के लिए मतदान हो चुका है. सैकड़ों नगराध्यक्ष और हजारों नगरसेवकों का भविष्य अब ईवीएम में कैद है. सभी की नज़रें अब 21 दिसंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हुई हैं. नगरपालिका चुनाव परिणामों के बाद राज्य में जिला परिषद, पंचायत समिति और महापालिका चुनावों की तैयारी भी शुरू होने वाली है.
इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज (9 दिसंबर) मुंबई स्थित शिवसेना भवन में महाराष्ट्र के सभी जिला संपर्क प्रमुखों की बैठक ली. इस बैठक में स्थानीय चुनावी तैयारियों के साथ-साथ राज ठाकरे की पार्टी MNS के साथ संभावित गठबंधन पर भी चर्चा की गई. उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए नगरपालिका चुनाव अभियान में उद्धव ठाकरे सक्रिय रूप से नजर नहीं आए थे.
बैठक में उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
- पंचायत समिति और ज़िला परिषद के गट/गण में शिवसेना के उम्मीदवार कितने मजबूत हैं?
- महाविकास आघाड़ी के रूप में क्या सभी दलों को वही उम्मीदवार स्वीकार्य हैं?
- गट (पंचायत समिति) और गण (जिला परिषद) की ताकत कितनी है?
- संबंधित क्षेत्रों में MNS की शक्ति कितनी है?
इन सभी बिंदुओं का विस्तृत आकलन कर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश उद्धव ठाकरे ने दिए.
महापालिका चुनाव: उद्धव ठाकरे के सवाल
- संबंधित प्रभाग का वर्तमान नगरसेवक कौन है?
- उस क्षेत्र में पार्टी की ताकत कितनी है?
- महाविकास आघाड़ी की ओर से कौन उम्मीदवार मज़बूत रहेगा?
इसके अलावा, एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पार्टी संगठन में हुए बदलावों का भी आकलन करने को कहा गया. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि;
- ज़मीनी स्तर पर कौन शाखाप्रमुख और पदाधिकारी सक्रिय हैं?
- कितनी जगहें रिक्त हैं?
- उनका कार्यक्षेत्र क्या है और वे कहां काम कर रहे हैं?
- इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर जमा करने को कहा गया है.
नगरपालिका चुनाव प्रचार में ठाकरे की अनुपस्थिति
राज्य में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी, राष्ट्रवादी और शिवसेना (शिंदे गुट) ने अपने स्टार प्रचारकों की पूरी ताकत झोंक दी थी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अकेले 30 से अधिक सभाएं की. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी अंतिम दिन तक जोरदार प्रचार किया. इसके उलट, इस चुनाव में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे कहीं भी प्रचार करते नजर नहीं आए.
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Source: IOCL





















