Maharashtra: देश विरोधी नारे के आरोप में बिना नोटिस के कार्रवाई, प्रशासन ने आरोपी के चाचा की भी ढहा दी दुकान
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मालवण में देश विरोधी नारेबाजी के मामले में स्थानीय लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए प्रशासन ने ऐसी कार्रवाई की जिस पर सवाल उठ रहे हैं.

Maharashtra Latest News: मालवण में 15 साल के बच्चे द्वारा भारत-पाक मैच के दौरान देश विरोधी नारे लगाने की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन ने एक्शन लिया. प्रशासन ने पहले उसके पिता की टिन शेड वाली स्क्रैप की दुकान तोड़ दी. इतना ही नहीं अब जानकारी मिल रही है कि पास में ही उसके चाचा की भी दुकान को गिरा दिया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि इसको लेकर कोई नोटिस नहीं दी गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मालवण नगर परिषद के मुख्य अधिकारी संतोष जिरागे ने इस बारे में बताया कि लड़के के पिता ने अवैध निर्माण किया था जिसे शिकायत मिलने पर तोड़ा गया है. यह शिकायत जमीन के मालिक ने सोमवार को किया था और इसलिए कार्रवाई की गई क्योंकि वहां 200-300 लोग जमे हुए थे.
जिरागे ने कहा कि शिकायतकर्ता ने कहा कि टिन शेट एक अस्थाीय स्ट्रक्चर है जो उसकी जमीन पर बना ली गई है. इसलिए हमने तुरंत एक्शन लिया. हमें विधायक निलेश राणे और पुलिस की भी चिट्ठी मिली थी. वहां 200-300 लोग जमा हो गए थे ऐसे में कार्रवाई करनी जरूरी थी.
बिना नोटिस ही गिरा दी गई दुकान
क्या स्ट्रक्चर गिराने से पहले कोई नोटिस दी गई थी, इस पर जिरागे ने कहा कि चूंकि यह शिकायत जमीन के मालिक ने की थी तो कोई नोटिस नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि शिकायत में यह नहीं लिखा हुआ था कि कब टिन शेड बनाई गई थी. दुकान गिराने की तस्वीर निलेश राणे ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. लड़के के चाचा की भी स्क्रैप की दुकान 50 फीट की दूरी पर थी जिसे भी प्रशासन ने गिरा दिया है.
पीड़ित ने कहा कि मेरा मेरे भाई से कोई लेनादेना नहीं है. क्योंकि मैं उसका रिश्तेदार हूं इसलिए मेरी दुकान गिरा दी. जबकि दोनों प्रॉपर्टी के मालिक अलग-अलग हैं. मेरा 4-5 लाख का नुकसान हो गया. मेरा परिवार मुश्किलों में घिर गया तब जब मेरी बेटी की 10वीं की परीक्षा है. हमारी क्या गलती है.
एग्रीमेंट के साथ बनवाई दुकान तोड़ डाली
उसने कहा कि जहां उसकी दुकान है उसके मालिक का नाम राजन अजगावंकर है और जिस जमीन पर उसके भाई की दुकान थी मालिक का नाम सुहास अजगांवकर है. मैंने 10000 रुपया डिपॉजिट दिया था और 3000 रुपये हर महीने देता हूं हमने बिना औपचारिक समझौते के दुकान नहीं बनाई थी.
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