राज ठाकरे ने IBA को लिखी चिट्ठी, 'अगर बैंकों में मराठी का इस्तेमाल नहीं हुआ तो...'
Raj Thackeray News: एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि अगर बैंक अपनी सेवाओं में 3 भाषा फार्मूले, अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषा का पालन नहीं करते हैं, तो कानून और व्यवस्था के लिए वे जिम्मेदार होंगे.

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मराठी भाषा का मुद्दा गरमाया हुआ है. इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शीर्ष बैंक निकाय से बैंकों को आरबीआई के मानदंडों के अनुसार अपनी सेवाओं में मराठी का इस्तेमाल करने का निर्देश देने के लिए कहा है. एमएनस प्रमुख ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा न करने पर उनकी पार्टी अपना आंदोलन तेज करेगी.
MNS नेताओं की ओर से बुधवार (09 अप्रैल) को इंडियन बैंक एसोसिएशन को सौंपे गए एक पत्र में राज ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर बैंक अपनी सेवाओं में तीन भाषा फार्मूले, अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषा (महाराष्ट्र के मामले में मराठी) का पालन नहीं करते हैं, तो कानून और व्यवस्था के लिए वे जिम्मेदार होंगे.
IBA को लिखी चिट्ठी में राज ठाकरे ने क्या कहा?
एमएनएस प्रमुख ठाकरे ने आईबीए को लिखे पत्र में कहा, ''आप बैंकों को अपनी सेवाओं में मराठी का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी निर्देश दें अन्यथा मनसे अपना आंदोलन तेज करेगी और उसके बाद कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित बैंकों की होगी.'' पत्र में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों में क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग पर एक परिपत्र जारी किया था. पत्र में कहा गया है कि सेवाएं भी तीन भाषाओं में होनी चाहिए.
राज ठाकरे ने पहले आंदोलन को रोकने के दिए थे निर्देश
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब शनिवार को राज ठाकरे ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों में मराठी के उपयोग को लागू करने के लिए आंदोलन को फिलहाल रोक दें, क्योंकि हमने इस मुद्दे पर पर्याप्त जागरूकता पैदा कर दी है.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने CM को लिखी चिट्ठी
आंदोलन के बाद, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर कहा, ''मनसे कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले लोग बैंक शाखाओं में जा रहे हैं और कर्मचारियों को धमका रहे हैं.'' 30 मार्च को गुड़ी पड़वा की रैली में राज ठाकरे ने आधिकारिक कार्यों के लिए मराठी को अनिवार्य बनाने के अपने पार्टी के रुख को दोहराया. उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग जानबूझकर मराठी भाषा नहीं बोलेंगे, उन्हें थप्पड़ मारा जाएगा.
Source: IOCL





















