पुणे में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाने पर बवाल, विरोध के बाद प्रशासन ने वापस लगाई
Pune News: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को शहर के शुक्रवार पेठ क्षेत्र में तहसीलदार कार्यालय परिसर से हटा दिया गया था. इसके बाद विरोध खड़ा हो गया था. विरोध को बढ़ता देख प्रशासन बैकफुट पर आ गया.

महारष्ट्र के पुणे में एक सरकारी कार्यालय परिसर से छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हटाए जाने पर हंगामा खड़ा हो गया है.इस मुद्दे को लेकर सोमवार को विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रशासन को प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर फिर से स्थापित करना पड़ा.
प्रदर्शनकारी संगठनों ने 17वीं सदी के मराठा योद्धा राजा की आवक्ष प्रतिमा को हटाने का इस आधार पर विरोध किया कि यह विरासत संरचना का हिस्सा थी.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल मराठा राजा की प्रतिमा को शहर के शुक्रवार पेठ क्षेत्र में तहसीलदार कार्यालय परिसर से शनिवार को हटा दिया गया था. जिसके बाद विरोध खड़ा हो गया था. विरोध को बढ़ता देख प्रशासन बैकफुट पर आ गया.
इससे पहले दिन में प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि चूंकि कार्यालय को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा रहा है, इसलिए प्रतिमा को सम्मानपूर्वक हटा दिया गया है और उसे नए परिसर में फिर से स्थापित किया जाएगा.
प्रशासन ने फिर स्थापित की प्रतिमा
हालांकि शाम होते-होते प्रशासन ने नरम रुख अपनाते हुए कहा कि प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर फिर से स्थापित किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि किसी की भावना आहत करने का इरादा नहीं था. चूँकि कार्यालय शिफ्ट किया गया था इसलिए प्रतिमा हटाई गयी थी.
शिवसेना (UBT) ने उठाए सवाल
उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) की पुणे शहर इकाई के अध्यक्ष संजय मोरे ने कहा कि शनिवार रात को प्रतिमा हटा दी गई. यह इमारत एक विरासत संरचना है और इसके बावजूद प्रतिमा को यहां से हटा दिया गया. क्या इसे हटाने के लिए आवश्यक अनुमति ली गई थी? ऐसे अधिकारियों कमर्चारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
शिवसेना और स्थानीय लोगों के रुख को देखते हुए माना जा है कि अभी ये मामला और गर्माएगा जिसमें भाजपा नीत एनडीए सरकार का घेराव का लाजिमी है.फ़िलहाल इस पर अभी राजनीति थमती नजर नहीं आ रही.
Source: IOCL






















