पालघर: काशीनाथ चौधरी को BJP ने 24 घंटे में ही दिखाया बाहर का रास्ता, साधु हत्याकांड में आया था नाम
Maharashtra News: काशीनाथ चौधरी को पालघर में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई थी. इसको लेकर विपक्ष ने बीजेपी की जमकर आलोचना की थी.

महाराष्ट्र के पालघर में सोमवार को स्थानीय नेता काशीनाथ चौधरी को पार्टी में शामिल करने पर रोक लगा दी है. चौधरी पर 2020 में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में संलिप्त होने का आरोप है. वहीं इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय स्तर पर काशीनाथ चौधरी को पार्टी में शामिल करने के निर्णय को प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्रजी चव्हाण ने तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है.
दरअसल, काशीनाथ चौधरी को पालघर में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी की सदस्यता प्रदान की गई थी, जिसकी आलोचना विभिन्न वर्गों ने की थी. इसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने यह निर्देश जारी किया. पार्टी ने एक बयान में कहा कि आधिकारिक जांच रिकॉर्ड के अनुसार, चौधरी मामले से संबंधित किसी भी प्राथमिकी या आरोप-पत्र में नामजद नहीं हैं.
बीजेपी में शामिल होने पर रोक
बयान में कहा गया, "लेकिन मामले की गंभीरता के मद्देनजर, राज्य स्तर पर उनके शामिल होने के संबंध में निर्णय पर अस्थायी रूप से रोक लगाई जाती है." चव्हाण ने कहा कि अंतिम निर्णय लेने से पहले मामले की और समीक्षा की जाएगी.
कांग्रेस ने साधा था निशाना
चौधरी के बीजेपी ज्वाइन करने को लेकर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा था. कांग्रेस की वरिष्ठ महिला ने सुप्रिया श्रीनेत ने अपने सोशल मीडिया पर ज्वाइनिंग का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "जब 2020 में पालघर में साधुओं की हत्या हुई थी तब बीजेपी ने काशीनाथ चौधरी को मुख्य आरोपी बताया था. बीजेपी नेता काशीनाथ चौधरी पर खूब हमलावर थे. आज काशीनाथ चौधरी ने बीजेपी जॉइन कर ली है"
पालघर में साधुओं की हुई थी हत्या
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल, 2020 को दो साधुओं, चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70) और सुशील गिरी महाराज (35) तथा उनके वाहन चालक नीलेश तेलगड़े (30) की भीड़ ने कोविड-19 लॉकडाउन में कथित तौर पर बच्चा चोर होने की आशंका में पत्थर मारकर हत्या कर दी थी.
Source: IOCL





















