Maharashtra: क्या BJP में शामिल होंगे शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल? मुलाकात को लेकर दे दिया बड़ा बयान
Maharashtra News: एनसीपी (SP) प्रमुख जयंत पाटील ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने किसी भाजपा नेता से मुलाकात की और न ही कोई प्रस्ताव मिला.

सियासी उलटफेर और अटकलों के बीच महाराष्ट्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने सोमवार (14 जुलाई) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने BJP के किसी नेता से मुलाकात की है, और न ही BJP या सत्तारूढ़ गठबंधन के किसी नेता ने उनसे संपर्क किया है.
विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पाटिल ने मीडिया में आ रही खबरों को 'बेबुनियाद और निराधार' बताया और कहा कि वह एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और बार-बार इस तरह की खबरों से हैरान हैं.
DBT का समर्थन करने का ये मतलब नहीं BJP में शामिल होना- जयंत पाटील
जयंत पाटील ने कहा, "मैंने बीजेपी के किसी नेता से संपर्क नहीं किया है, न ही मुझे किसी ने बीजेपी में शामिल होने को कहा है. मैंने पहले भी कई बार इन अफवाहों का खंडन किया है, लेकिन यह सिलसिला बार-बार दोहराया जाता है. अगर कोई नेता किसी अन्य दल के नेता से मिल भी ले तो अटकलें लगाई जाने लगती हैं."
इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजना को प्राथमिकता देने की बात से वह सहमत हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह बीजेपी के विचारधारा या पार्टी में शामिल हो रहे हैं.
विधानसभा में चर्चा के दौरान पाटिल ने कहा कि DBT जैसी योजनाएं उन राज्य योजनाओं से बेहतर हैं, जिनमें गरीबों को बर्तन जैसी सामग्री दी जाती है, क्योंकि अक्सर वह घटिया गुणवत्ता की होती है. जब पत्रकारों ने उनके इस बयान को बीजेपी की तारीफ के रूप में देखा तो उन्होंने साफ किया, "अगर मुझे सरकार की कुछ योजनाएं पसंद हैं और कुछ नहीं, तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं पार्टी बदल रहा हूं. अगर मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से किसी आधिकारिक काम के लिए मिलूं, तो इसका यह मतलब नहीं कि मैं BJP में जा रहा हूं."
प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बताई वजह
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि जयंत पाटिल ने एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और उनकी जगह एमएलसी शशिकांत शिंदे को नियुक्त किया जा सकता है. इस पर पाटिल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जो मीडिया संस्थान मेरे खिलाफ इस तरह की खबरें चला रहे हैं, वही कभी-कभी मेरे पक्ष में भी खबरें देते हैं. मैं उनके साथ कोई कटुता नहीं चाहता. अगर एक ऐसी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष, जिसके पास 10 विधायक हैं, इतना प्रचार पा रहा है, तो शायद मुझे उनका आभार मानना चाहिए."
गौरतलब है कि जयंत पाटिल एनसीपी के गठन से ही शरद पवार के साथ हैं और पार्टी के वफादार नेताओं में गिने जाते हैं. 2023 में जब अजित पवार ने बगावत कर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन से हाथ मिलाया, तब भी जयंत पाटिल ने शरद पवार का साथ नहीं छोड़ा था.
अब एनसीपी (एसपी) की मंगलवार को होने वाली आमसभा बैठक को लेकर अटकलें हैं कि पाटिल युवा नेतृत्व के लिए प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने का ऐलान कर सकते हैं, जैसा उन्होंने 10 जून को पुणे में पार्टी के 26वें स्थापना दिवस पर संकेत दिया था.
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