मुंबई: NCP सांसद के फर्जी सिफारिश पत्र से ट्रेन टिकट लेने की कोशिश, रेलवे पुलिस ने दर्ज की FIR
Mumbai News: मुंबई में रेलवे टिकट धोखाधड़ी मामले में NCP सांसद सुरेश म्हात्रे के जाली हस्ताक्षर से रेलवे टिकट प्राप्त करने की कोशिश के आरोप में सीएसएमटी पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की.

Maharashtra News: मुंबई की CSMT रेलवे पुलिस ने एक चौंकाने वाले मामले में एनसीपी (एसपी) के भिवंडी से सांसद सुरेश म्हात्रे उर्फ बाल्या मामा के फर्जी हस्ताक्षर कर रेलवे टिकट प्राप्त करने की कोशिश के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की है. आरोपी की पहचान सईद एजाज के रूप में हुई है. रेलवे पुलिस ने यह कार्रवाई म्हात्रे के निजी सहायक आकाश पाटिल की शिकायत पर की है, और मामले की जांच जारी है.
क्या है पूरा मामला?
रेलवे पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को संबोधित एक जाली सिफारिशी पत्र के जरिए देवगिरी एक्सप्रेस के दो टिकट सांसद कोटे से हासिल करने की कोशिश की. यह पत्र मुंबई से नांदेड़ की यात्रा के लिए 31 मई की तारीख को टिकट मांगने हेतु मध्य रेलवे के आरक्षण विभाग के सहायक प्रबंधक को 30 मई को प्राप्त हुआ था.
उक्त पत्र रेलवे के कन्फर्मेशन ड्रॉपबॉक्स में डाला गया था. इसमें सांसद सुरेश म्हात्रे के नाम और हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था. लेकिन रेलवे अधिकारियों को पत्र की भाषा और फॉर्मेट पर शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने सांसद के निजी सहायक आकाश पाटिल से संपर्क किया. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पत्र हाथ से लिखा गया था, जबकि सामान्यतः सांसद के पत्र उनके सहायक द्वारा टाइप किए जाते हैं.
पत्र में सांसद का नाम, सिग्नेचर और आवक-जावक विवरण सभी संदिग्ध पाए गए. पत्र पर जिस तारीख का उल्लेख था, उस दौरान सांसद सुरेश म्हात्रे विदेश में थे और विदेश से लौटने के बाद खुद सांसद ने पुष्टि की कि पत्र और उस पर किए गए हस्ताक्षर फर्जी हैं. CSMT रेलवे पुलिस ने आरोपी सईद एजाज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336(2), 336(3) और 340(2) के तहत FIR दर्ज किया है. रेलवे पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने कहीं पहले भी ऐसी कोशिशें की हैं या किसी रैकेट से उसका कोई संबंध है.
सांसद कोटे का दुरुपयोग रोकने के लिए सतर्कता
भारतीय रेलवे में सांसदों के लिए एक विशेष कोटा होता है, जिसके तहत वे सिफारिश पत्र के जरिए यात्रियों को टिकट दिलवा सकते हैं. इस मामले ने इस व्यवस्था के दुरुपयोग की आशंका को उजागर किया है और रेलवे अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत पर बल दिया है. फिलहाल आरोपी से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और रेलवे पुलिस इस मामले को गहराई से खंगाल रही है.
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