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Maharashtra News: नवाब मलिक की जमानत याचिका पर फैसला आज, 9 महीने से जेल में हैं बंद
इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह 24 नवंबर को फैसला सुनाएगी. हालांकि, उस दिन अदालत ने यह कहते हुए मामले को 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था कि आदेश तैयार नहीं है.
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Nawab Malik News: मुंबई की एक विशेष अदालत भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की जमानत याचिका पर आज फैसला सुना सकती है. विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मलिक की जमानत याचिका पर 14 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
इससे पहले अदालत ने कहा था कि वह 24 नवंबर को फैसला सुनाएगी. हालांकि, उस दिन अदालत ने यह कहते हुए मामले को 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था कि आदेश तैयार नहीं है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल फरवरी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता को गिरफ्तार किया था. वह न्यायिक हिरासत में हैं और उनका यहां एक निजी अस्पताल में इलाज हो रहा है. मलिक ने जुलाई में विशेष अदालत में नियमित जमानत याचिका दायर की थी.
आदेश रखा था सुरक्षित
विशेष न्यायाधीश आरएन रोकडे ने 14 नवंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मलिक की जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. मलिक अभी न्यायिक हिरासत में हैं और उनका मुंबई के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. एनसीपी नेता ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ धन शोधन के लिए मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है.
ईडी ने किया जमानत का विरोध
हालांकि, जांच एजेंसी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज मामला मलिक के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने का आधार माना जा सकता है. ईडी ने दावा किया था कि आरोपी के इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ संबंध थे, इसलिए ‘‘उसके निर्दोष होने का कोई सवाल ही नहीं उठता.’’
मलिक के खिलाफ ईडी का मामला एनआईए की दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है. दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी है.
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