महायुति में 4 सीटों पर अभी भी विवाद, शिवसेना अड़ी, एकनाथ शिंदे के तर्क का बीजेपी ने दिया ये जवाब
Maharashtra Lok Sabha Election: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर महायुती में चार सीटों पर सहमती नहीं बन पा रही है. इन सीटों पर शिवसेना, एनसीपी और बीजेपी अपने-अपने दावे कर रही है.
Maharashtra NDA Seat Sharing Formula: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर महायुती और महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने अपनी कमर कस ली है. सीट शेयरिंग मामले में MVA महायुती की तुलना में काफी आगे निकल चुकी है. महाविकास अघाड़ी के अंदर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो चुका है, लेकिन महायुती के अंदर अभी भी चार सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. सीट शेयरिंग पर चर्चा के लिए कई राउंड्स की बैठकें को चुकी है. लेकिन कई सीटों पर अभी भी एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी में सहमती नहीं बन पाई है.
शिवसेना का मुंबई दक्षिण सीट पर दावा
2019 के लोकसभा चुनाव में, शिवसेना के अरविंद सावंत मुंबई दक्षिण से चुने गए. उन्होंने कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा को हराया था. शिवसेना ने 2019 में भारी अंतर से मिली जीत का हवाला देते हुए दावा ठोका है. इस बार उसने सीएम एकनाथ शिंदे की पार्टी में शामिल हुए मिलिंद देवड़ा या पूर्व स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव को मैदान में उतारने का प्रस्ताव रखा है, जबकि बीजेपी से विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और कैबिनेट सदस्य मंगल प्रभात लोढ़ा मुख्य दावेदार हैं.
इस मामले में एनसीपी का मानना है कि देवड़ा को हाल ही में राज्यसभा भेजा गया है, इसलिए एकनाथ शिंदे को बड़ा दिल दिखाना चाहिए और जीत के आधार पर सीट बीजेपी को दे देनी चाहिए.
पीछे नहीं हटना चाहते सीएम शिंदे?
सीएम एकनाथ शिंदे ने चार सीटों पर अपना दावा ठोका है. उन्होंने रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, नासिक, ठाणे और मुंबई दक्षिण पर शिवसेना का दावा छोड़ने से इनकार कर दिया है.
शिवसेना के तर्क का बीजेपी ने दिया जवाब
छगन भुजबल ने कहा कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो यह एनसीपी की पार्टी के चुनाव चिह्न 'घड़ी' पर लड़ेंगे. 2019 में सेना के राजन विचारे ने भारी अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन वह शिंदे के साथ नहीं हैं. शिंदे का तर्क है कि यह सीट बीजेपी को सौंपना गलत होगा, जो संजीव नाइक को मैदान में उतारने की योजना बना रही है. बीजेपी का तर्क है कि राजनीतिक स्थिति में भारी बदलाव आया है और विचारे के शिंदे के साथ नहीं जाने से ठाणे में सेना की जमीन खिसक गई है.
नासिक सीट पर एनसीपी का दावा
नासिक में एनसीपी पीछे नहीं हट रही है. नासिक में सीएम शिंदे के लिए दो बार के सांसद हेमंत गोडसे को मनाना मुश्किल हो रहा है, जिन्होंने पहले छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर दोनों को हराया था. जहां एनसीपी छगन भुजबल को नामांकित करने पर जोर दे रही है, वहीं शिंदे अपना दावा देने से हिचक रहे हैं और कह रहे हैं कि गोडसे को हटाना गलत होगा जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद उनके साथ खड़े थे.
ठाणे जैसा ही हाल रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग का भी है. वहां शिवसेना के विनायक राऊत ने नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे को हराया था. अब, जबकि बीजेपी के नारायण राणे ने दावा पेश किया है, उद्योग मंत्री उदय सामंत के भाई करण सामंत सेना की ओर से सबसे आगे हैं. एनसीपी नेता ने कहा, ''करण ने सेना नेतृत्व से कहा है कि चूंकि यह सेना की सीट है, इसलिए पहला दावा उनका है.''