Maharashtra: डिलिवरी कराने अस्पताल आई थी 25 साल की महिला, बिना जांच खून चढ़ाने से हुई मौत
Maharashtra News: महाराष्ट्र के नांदेड़ में पाटिल अस्पताल की कथित लापरवाही से 25 साल के सुचिता कदम की मौत हो गई. बिना जांच रक्त चढ़ाने और गलत उपचार के आरोप लगे.

Nanded News: महाराष्ट्र के नांदेड़ के पाटिल अस्पताल से एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां कथित तौर पर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण 25 साल के विवाहिता सुचिता गोपीनाथ कदम की इलाज के दौरान मौत हो गई. परभणी जिले के सोन्ना गांव की रहने वाली सुचिता की मौत के बाद परिजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक से डॉक्टरों और जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है. इस दुखद घटना ने पूरे इलाके में चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है.
8 नवंबर को कराई गई थी भर्ती
परिजनों के अनुसार, सुचिता को 8 नवंबर को प्रसव के लिए नांदेड़ के पाटिल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका कहना है कि सुचिता को सामान्य प्रसव पीड़ा नहीं हो रही थी, इसके बावजूद अस्पताल के डॉक्टरों ने सिजेरियन ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. ऑपरेशन के बाद उनकी हालत अचानक बिगड़ गई.
परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के तुरंत बाद सुचिता को अत्यधिक खूनस्राव होने लगा. इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने बाहर से लाया गया खून सुचिता को चढ़ा दिया. दावा है कि खून चढ़ाने से पहले जरूरी जांच नहीं की गई, जिससे उन्हें गंभीर संक्रमण हो गया. संक्रमण बढ़ता गया और सुचिता की सेहत लगातार गिरने लगी.
एक से दूसरे अस्पताल तक भटकते रहे परिजन
स्थिति बिगड़ने पर पाटिल अस्पताल के स्टाफ ने सुचिता को दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन वहां भी कोई सुधार नहीं हुआ. इसके बाद परिजनों ने उन्हें सिकंदराबाद (हैदराबाद) के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज काफी महंगा था. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार उन्हें वापस नांदेड़ लेकर आया और एक निजी अस्पताल में भर्ती किया. मगर हालत गंभीर बनी रही और आखिरकार 8 दिसंबर को सुचिता की मौत हो गई.
प्रसव के दौरान जन्मा बच्चा सुरक्षित है, लेकिन मां की मौत से वह अनाथ हो गया है. परिवार के सदस्यों का कहना है कि अगर समय रहते सही इलाज मिलता और डॉक्टरों ने जांच-प्रक्रिया को गंभीरता से लिया होता, तो सुचिता की जान बच सकती थी.
डॉ. मीनल पाटिल पर गंभीर आरोप
रिश्तेदारों ने सीधे तौर पर डॉ. मीनल पाटिल पर गलत उपचार और लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि गलत फैसले, बिना जांच खून चढ़ाना और कमजोर मॉनिटरिंग की वजह से सुचिता की हालत बिगड़ी और अंततः उनकी मौत हुई.
सुचिता के परिवार ने जिला पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि डॉ. मीनल पाटिल और अस्पताल के अन्य जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए. उन्होंने आरोपी डॉक्टरों की जल्द गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग की है.
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