Maharashtra News: महाराष्ट्र के पेंच बाघ अभयारण्य में पक्षियों का सर्वे, आम नागरिक भी इस तरह कर रहे मदद
Maharashtra News: पेंच बाघ अभयारण्य में पक्षी विविधता और उनके घनत्व का डेटा तैयार किया जा रहा है. इस सर्वे में आम लोग भी भाग ले रहे हैं.

Pench Tiger Reserve: महाराष्ट्र के पेंच बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में पक्षी विविधता और उनके घनत्व का आधारभूत डेटा तैयार करने के उद्देश्य से ‘‘नागरिक विज्ञान’’ मॉडल (आमजन के सहयोग से किया जाने वाला सर्वेक्षण) के तहत एक सर्वेक्षण किया जा रहा है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पीटीआर के उप निदेशक डॉ प्रभुनाथ शुक्ला ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण में 11 राज्यों से 18 से 74 वर्ष की आयु के 125 से अधिक स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं. शुक्ला ने दावा किया कि यह मध्य भारत में सबसे बड़ी और महाराष्ट्र में पहली ‘‘नागरिक विज्ञान’’ पहल है.
बड़े पैमाने पर डाटा संग्रह
उन्होंने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य नागरिक विज्ञान मॉडल का उपयोग करके पक्षी विविधता और घनत्व का आधारभूत डेटा तैयार करना है. नागरिक विज्ञान कार्यक्रम पश्चिमी देशों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं और हाल में भारत के कई हिस्सों में विभिन्न जैव विविधता सर्वेक्षणों में बड़े पैमाने पर डाटा संग्रह में सहयोग और योगदान करने के लिए इनका उपयोग किया जा रहा है.’ प्रतिभागी दो से तीन सदस्यों के समूह में वन सुरक्षा शिविरों में रहते हैं.
क्या है कोबो कलेक्ट ऐप?
शुक्ला ने कहा कि डेटा को ‘कोबो कलेक्ट ऐप’ (Kobo Collect App) पर संकलित किया जाएगा, जहां प्रत्येक पक्षी के देखे जाने के बाद उसके नाम, उनकी संख्या और उसके भू-स्थान को दर्ज किया जाएगा. यह कार्यक्रम पारिस्थितिकी अनुसंधान में शामिल गैर सरकारी संगठन ‘टिनसा इकोलॉजिकल फाउंडेशन’ के सहयोग से आयोजित किया गया है. ‘पेंच टाइगर अभ्यारण्य’ मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में स्थित है.
पेंच बाघ अभयारण्य में सर्वे
महाराष्ट्र के पेंच बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में पक्षी विविधता और उनके घनत्व का आधारभूत डेटा तैयार करने के उद्देश्य से ‘‘नागरिक विज्ञान’’ मॉडल (आमजन के सहयोग से किया जाने वाला सर्वेक्षण) के तहत एक सर्वेक्षण किया जा रहा है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पीटीआर के उप निदेशक डॉ प्रभुनाथ शुक्ला ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण में 11 राज्यों से 18 से 74 वर्ष की आयु के 125 से अधिक स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं. शुक्ला ने दावा किया कि यह मध्य भारत में सबसे बड़ी और महाराष्ट्र में पहली ‘‘नागरिक विज्ञान’’ पहल है.
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Source: IOCL























