Maharashtra School Reopening: स्कूल खुले तो रखना होगा इन खास बातों का ध्यान, लोकल बॉडी लेगी आखिरी फैसला
Maharashtra School Reopening: महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को राज्य में स्कूलों को खोलने को लेकर एक अहम फैसला लिया.इस फैसले में सरकार ने प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी.
Maharashtra School Reopening: महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को राज्य में स्कूलों को खोलने को लेकर एक अहम फैसला लिया. इस फैसले में सरकार ने प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी. हालांकि सरकार के इस फैसले की खास बात यह रही कि सरकार ने स्कूलों को खोलने व बंद करने का फैसला पूरी तरह लोकल बॉडी पर छोड़ा है.
इसे लेकर शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ''राज्य में फिलहाल 2 लाख 67 हजार 659 एक्टिव केस हैं. कोरोना को लेकर राज्य में हालात काबू में हैं. नतीजन सरकार ने स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है. कैबिनेट मीटिंग में पहले इस पर चर्चा की गई. उसी के बाद ये फैसला लिया गया है.''
शिक्षा विभाग का कहना है कि जिन इलाकों में कोरोना के मामले कम हैं या फिर नहीं हैं, वहां तुरंत प्रभाव से स्कूलों को खोला जाना चाहिए. सरकार का कहना है कि स्कूलों को खोलने के फैसले के पीछे ग्रामीण इलाकों इंटरनेट की कम उपलब्धता व गरीब छात्रों के पास फोन की सुविधा न होना है.
सरकार ने स्कूलों को कोरोना को लेकर तैयार की गई एसओपी का सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया गया है. सरकार ने इस बार कोई नई एसओपी जारी नहीं की है. पिछली बार जारी की गई एसओपी इस बार भी मान्य होंगी.
स्कूलों को रखनी होगा इन बातों का ध्यान
- क्लासरूम में सिटिंग अरेंजमेंट 6 फीट की दूरी को ध्यान में रख कर किया जाए.
- एक बेंच पर एक ही बच्चे को बिठाया जाए
- स्कूलों में किसी भी प्रकार के फंक्शन का आयोजन न किया जाए
- पेरेंट्स और टीचर मिटिंग को ऑनलाइन किया जाए.
- बच्चों को सेनिटाइज करते रहने के बार में बताया जाए.
- बच्चों की हर दिन तबियत पर ध्यान दें.
- बच्चे की तबियत अगर खराब लगे तो स्कूल न बुलाया जाए.
- बाथरूम, क्लासरूम व स्कूल प्रांगण को समय-समय पर सेनिटाइज किया जाए.
- बच्चों को पानी की बॉटल व खाना लाने के लिए कहा जाए.
यहां बता दें कि सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन ज्यादा से ज्यादा लगाई जाए व स्कूल इसमें अपनी भागीदारी दें. स्कूलों में टीचरों की वेक्सिनेश पर भी ध्यान दिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल स्टाफ व टीचर सभी पूरी तरह वेक्सीनेटेड हों.
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