एक्सप्लोरर

Maharashtra Politics: शिवसेना से निकलीं तीन पार्टियां खुद को बता रहीं बालासाहेब ठाकरे की विरासत का हकदार, जानें- क्या है इतिहास

राजनीति में हमेशा से पद और उत्तराधिकार की लड़ाई चलती रही है. महाराष्ट्र की राजनीति भी इससे अछूती नहीं है, जहां बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना के निकली तीनों पार्टियां असली हकदार होने की ताल ठोंक रही हैं.

Shivsena's Succession Battle in Maharashtra: राजनीतिक घटनाओं के एक अजीबोगरीब घटना में दिवंगत बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) द्वारा जून 1966 में स्थापित शिवसेना (Shivsena), अप्रत्याशित रूप से जून 2022 में एक बड़े विद्रोह के बाद अलग हो गई. महान कार्टूनिस्ट से राजनेता बने बालासाहेब की राजनीतिक और हिंदुत्व विरासत (Hindutva Legacy) को अब कम से कम तीन राजनीतिक दल हथियाने के लिए तैयार हैं.

जून के विद्रोह के चार महीने बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट का नाम बदलकर 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' कर दिया गया. वहीं महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट का नाम 'बालासाहेबंची शिवसेना' कर दिया गया और दोनों को नए चुनाव चिन्ह आवंटित किए गए. बीएसएस और एसएस (यूबीटी) के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक कानूनी लड़ाई जारी है, दोनों ने अपने आपको 'मूल शिवसेना' के उत्तराधिकारी के रूप में दावा पेश करते हुए बालासाहेब ठाकरे की विरासत का पथ प्रदर्शक बताया है.

राज ठाकरे ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने के लिए शिवसेना से हुए थे अलग

2006 में उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे अपने खुद के संगठन, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) को लॉन्च करने के लिए शिवसेना से बाहर चले गए, जो काफी हद तक उनके चाचा की राजनीतिक विचारधारा पर आधारित है. आज तीनों 'सेना' जो हर काम में बाला साहेब ठाकरे का नाम लेने से नहीं चूकतीं, उनकी हिंदुत्व विरासत और राजनीतिक वैधता हासिल करने के लिए उतावली दिखाई पड़ रही हैं. लेकिन इस बुलंद महत्वाकांक्षा की ओर रास्ता सुपर एक्सप्रेसवे नहीं हो सकता है.

अपने पहले सत्तारूढ़ 'अवतार' में, बालासाहेब ठाकरे द्वारा शक्तिशाली रूप से चलाए गए 'रिमोट कंट्रोल' की बदौलत, हर किसी ने उनके कद काठी के मुताबिक आदर्श' 'व्यवहार' किया, जिसमें बीजेपी भी शामिल थी. जो उस शासन (1995-1999) में एक डिप्टी सीएम के साथ दूसरे साथी के रूप में संतुष्ट थी. जिसने दो मुख्यमंत्री-मनोहर जोशी और नारायण राणे को देखा. नवंबर 2012 में बालासाहेब ठाकरे का निधन हो गया और दो साल बाद, 'रिमोट कंट्रोल' बीजेपी के हाथों में चला गया और शिवसेना उपमुख्यमंत्री के पद के बिना भी दूसरी शक्ति बन गई.

सीएम शिंदे का विवादों से जुड़ने लगा है नाम

नाराज उद्धव ठाकरे ने 2019 में महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के साथ मिलकर वापसी की, पार्टी का यह बदला रुप बीजेपी के लिए एक बड़ा राजनीतिक अपमान बन गया. जहां तक बीएसएस की बात है तो शिंदे ने पहले बीजेपी के साथ गठबंधन कर सत्ता हासिल की और कुछ महीने बाद उनका टूटा हुआ समूह एक नाम वाली औपचारिक पार्टी बन गया. हालांकि बाद में उद्योगों की 'उड़ान' और एक कथित नागपुर जमीन घोटाले में उनका नाम सामने आया. यह लैंडस्कैम और अन्य मुद्दे एक झटका साबित हुए.

2009 में 13 विधायकों के साथ एक भाग्यशाली शुरूआत के बाद, एमएनएस अचानक राजनीतिक रूप से लड़खड़ाती हुई प्रतीत हुई, मुख्यत: राज ठाकरे के 'भ्रम' के कारण, जिसने पार्टी को भ्रमित कर दिया और यह 13 विधायकों से घटकर सिर्फ एक अकेला विधायक रह गया. राज ठाकरे के स्पष्ट डिंग-डोंग और ऑडियो-वीडियो एजेंडे के साथ राजनीतिक फुटपाथ पर उतरी मनसे मुख्य सड़क पर वापस लौटने की कोशिश कर रही है, जिससे पार्टी के रैंक और फाइल को और अधिक बेवकूफ बनाया जा रहा है.

बीएसएस, एमवीए और उद्धव गुट वाली शिवसेना का अस्तित्व अगले चुनावों पर करेगा निर्भर

2023 में होने वाले प्रमुख निकाय चुनावों और 2024 में विधानसभा चुनावों की एक श्रृंखला के साथ, तीनों दल अब सभी खंजर खींचे हुए हैं. अभी भी विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है, बीएसएस को पूर्ण समर्थन और भाजपा के सभी संसाधनों का आनंद मिलता है और शिंदे ने सभी विरोधों को नजरअंदाज करते हुए कुछ विवादास्पद फैसलों को आगे बढ़ाने के लिए कई एमवीए नीतियों को खारिज कर दिया है.

यह एमएनएस को अभी भी संदिग्ध, बहस और दुविधा में छोड़ देता है. चाहे बीएसएस-बीजेपी या केवल बीजेपी के साथ गठबंधन करें या उन्हें बाहर से समर्थन दें या अकेले जाएं, या राज ठाकरे की प्रतीक्षा करें, जिन्हें एक बार ईडी ने अगस्त 2019 में तलब किया था. यह स्पष्ट है कि चुनाव का अगला दौर- निकाय या विधानसभा- यह तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगा कि, तीन कड़वे दावेदारों में से कौन बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व विरासत को विरासत में लेगा और लंबे समय में राज्य की राजनीति में ट्रंप के रूप में उभरेगा.

यह भी पढ़ें:

Maharashtra: भारी पड़ी सीएम शिंदे के खिलाफ नारेबाजी, NCP के नेता और कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

India Russia Missile: भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
Shivraj Patil Death: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
हाथी के दांत से बनी बुद्ध की मूर्ति समेत ब्रिटिशकाल के 600 बेशकीमती आइटम्स चोरी, ब्रिटेन के म्यूजियम में 4 गोरों ने हाथ साफ किया
हाथी के दांत से बनी बुद्ध की मूर्ति समेत ब्रिटिशकाल के 600 बेशकीमती आइटम्स चोरी, ब्रिटेन के म्यूजियम में 4 गोरों ने हाथ साफ किया
Friday OTT Release: ओटीटी पर धमाकेदार रहेगा ये फ्राइडे, रिलीज हो रही एक से एक धांसू फिल्में-सीरीज, वीकेंड को बना देंगी मजेदार
ओटीटी पर धमाकेदार रहेगा ये फ्राइडे, रिलीज हो रही एक से एक धांसू फिल्में-सीरीज

वीडियोज

MP News: Bhopal में चलती कार में लगी भीषण आग... हादसे में 5 लोग जलकर राख | Road Accident | abp News
Goa Night Club Fire Update: 2-3 दिन में गोवा पुलिस की हिरासत में होंगे लूथरा बंधू | Breaking News
सीक्रेट लव का शैतान दुश्मन | Sansani
TMC सांसद ने मकर द्वार पर सुलगाई सिगरेट...Giriraj Singh ने सांसद को टोका | ABP News
UP Sir Update: घुसपैठियों के खिलाफ देश में पहली बार इतना बड़ा एक्शन! | SIR Controversy

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India Russia Missile: भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
भारत के पास आएंगी 300 रूसी R-37M मिसाइलें, PAK अब सो नहीं पाएगा, ब्रह्मोस से है डबल स्पीड
Shivraj Patil Death: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
हाथी के दांत से बनी बुद्ध की मूर्ति समेत ब्रिटिशकाल के 600 बेशकीमती आइटम्स चोरी, ब्रिटेन के म्यूजियम में 4 गोरों ने हाथ साफ किया
हाथी के दांत से बनी बुद्ध की मूर्ति समेत ब्रिटिशकाल के 600 बेशकीमती आइटम्स चोरी, ब्रिटेन के म्यूजियम में 4 गोरों ने हाथ साफ किया
Friday OTT Release: ओटीटी पर धमाकेदार रहेगा ये फ्राइडे, रिलीज हो रही एक से एक धांसू फिल्में-सीरीज, वीकेंड को बना देंगी मजेदार
ओटीटी पर धमाकेदार रहेगा ये फ्राइडे, रिलीज हो रही एक से एक धांसू फिल्में-सीरीज
'हमें साउथ अफ्रीका से सीखना होगा...', दूसरे टी-20 में हार के बाद क्या बोले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव
'हमें साउथ अफ्रीका से सीखना होगा...', दूसरे टी-20 में हार के बाद क्या बोले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव
हाथों-नाखूनों में दिखने वाले ये 5 बदलाव हो सकते हैं गंभीर बीमारी का संकेत, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी
हाथों-नाखूनों में दिखने वाले ये 5 बदलाव हो सकते हैं गंभीर बीमारी का संकेत, डॉक्टर्स ने दी चेतावनी
बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जमा करने हैं तो इन जगहों पर करें निवेश
बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जमा करने हैं तो इन जगहों पर करें निवेश
दिनभर लैपटॉप पर झुके रहते हैं? फिजियोथेरेपिस्ट से जानें ऑफिस में बैठकर काम करने वालों के लिए आसान टिप्स
दिनभर लैपटॉप पर झुके रहते हैं? फिजियोथेरेपिस्ट से जानें ऑफिस में बैठकर काम करने वालों के लिए आसान टिप्स
Embed widget