Independence Day: महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस पर कौन सा मंत्री किस जिले में फहराएगा झंडा? एक क्लिक में जानें
Independence Day 2023: 15 अगस्त को देश की 76वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महाराष्ट्र में कौन सा मंत्री किस जिले में झंडा फहराएगा इसकी सूची जारी कर दी गई है.

Independence Day 2023 Celebration: मंगलवार यानी 15 अगस्त को हमारे देश की 76वीं वर्षगांठ मनाई जाने वाली है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं. देश का स्वतंत्रता दिवस महाराष्ट्र में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. इस बीच इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रत्येक जिले में उस जिले के संरक्षक मंत्री ध्वजारोहण करते हैं.
कौन कहां से फहराएगा झंडा?
15 अगस्त के दिन महाराष्ट्र में किस जिले में कौन झंडा फहराएगा? इसे लेकर भी प्लान तैयार कर लिया गया है. राज्य सरकार ने इसका रास्ता निकाल लिया है और किस जिले में कौन झंडा फहराएगा इसकी सूची जारी कर दी गई है. बता दें कि पालकमंत्री पद के विवाद से बचने के लिए राज्य सरकार ने अस्थायी ध्वजारोहण की सूची घोषित की है. जिन जिलों का नाम इसमें नहीं है वहां कलेक्टर द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा.
महाराष्ट्र सरकार ने जारी की सूची
देवेन्द्र फड़णवीस- नागपुर
अजित पवार- कोल्हापुर
छगन भुजबल- अमरावती
सुधीर मुनगंटीवार- चंद्रपुर
चंद्रकांत पाटिल- पुणे
दिलीप वलसे पाटिल- वाशिम
राधाकृष्ण विखे पाटिल- अहमदनगर
गिरीश महाजन- नासिक
दादा भूसी- धूल
गुलाबराव पाटिल- जलगांव
रवीन्द्र चव्हाण- ठाणे
हसन मुश्रीफ- सोलापुर
दीपक केसरकर- सिंधुदुर्ग
उदय सामंत- रत्नागिरी
अतुल सहेजें- परभणी
संदीपन भुमरे-औरंगाबाद
सुरेश खाड़े- सांगली
विजयकुमार गावित- नंदुरबार
तानाजी सावंत- उस्मानाबाद
शम्भुराज देसाई- सतारा
अब्दुल सत्तार- जालौन
संजय राठौड़- यवतमाल
धनंजय मुंडे- बीड
धर्मराव अत्राम- गढ़चिरौली
मंगलप्रभात लोढ़ा- मुंबई का उपनगर
संजय बंसोड- लातूर
अनिल पाटिल- बुलढाणा
अदिति तटकरे - पालघर
यहां बता दें, सैकड़ों वर्षों की ब्रिटिश गुलामी के बाद हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था. देश को आजादी दिलाने के लिए हमें लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा. कई लोगों ने इसके लिए संघर्ष किया, कई लोगों ने अत्याचार सहे, कई घायल हुए, कई शहीद हुए और कई लोग हंसते-हंसते फांसी पर चढ़कर मौत को गले लगा लिए. कई बहादुर ऐसे थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन, अपनी पूरी जवानी इस आजादी के लिए बिता दी. भारत माता के इन सच्चे सपूतों के त्याग और बलिदान के कारण ही आजादी का सपना साकार हुआ.
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