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लापरवाही से महाराष्ट्र में 16 साल के किशोर को दी गई कोविशील्ड डोज, जानें क्या हुआ असर और अब आगे क्या होगा?
15 से 18 साल की उम्र के किशोरों को कोरोना वैक्सीन देते समय, महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक 16 साल के लड़के को गलती से कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक दे दी गई.
![लापरवाही से महाराष्ट्र में 16 साल के किशोर को दी गई कोविशील्ड डोज, जानें क्या हुआ असर और अब आगे क्या होगा? COVID Vaccination Maharashtra due to the negligence of the health department employee 16-year-old teenager was given Covishield dose instead of a vaccine लापरवाही से महाराष्ट्र में 16 साल के किशोर को दी गई कोविशील्ड डोज, जानें क्या हुआ असर और अब आगे क्या होगा?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/08/06fcf58c6ccff90763f3fb9a8f706615_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Child Vaccination in Maharashtra: पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जिसके बाद इसको सार्थक रूप से रोकने के लिए, देश के कई राज्यों के साथ महाराष्ट्र में भी सोमवार से 15 से 18 साल की उम्र के किशोरों को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccination) देने की शुरुआत की गई. जहां महाराष्ट्र के नासिक में ही युवाओं को कोरोना की वैक्सीन देते समय एक 16 साल के अथर्व पवार नाम के लड़के को स्वास्थ्य विभाग की गलती से कोविशील्ड (covishield) की खुराक दे दी गयी.
कोविशील्ड (covishield) की जगह कोवैक्सीन (covaxin) देते हैं 15 से 18 साल के किशोरों को, दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग
दरअसल स्वास्थ्य अधिकारियों के लापरवाही का यह पूरा मामला नासिक के येवला तालुका के पाटोदा की है. जहां वैक्सीन देते समय अथर्व पवार नाम के किशोर को सोमवार को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में कोवैक्सीन की जगह कोविशील्ड की डोज दे दी गई.
लापरवाही का मामला उजागर होने के बाद, किशोरर अथर्व पवार के पिता वसंत पवार के विभाग की इस लापरवाही से बहुत अधिक नाराज हो गए. उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस घटना की शिकायत की और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार सभी संबंधित दोषी कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है.
दूसरी तरफ स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त स्वास्थ्य कर्मचारी से गलती होने की बात तालुका के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्षल नेहटे ने क़ुबूल तो कर ली है. लेकिन संबंधित कर्मचारी पर क्या कार्रवाई होने जा रही है, इस बात पर वह फिलहाल मौन हैं. उन्होंने जांच करवाने की बात कही है और जांच पूरी होने तक संयम बरतने को कहा है.
किशोर पर कोविशील्ड (covishield) डोज का नहीं पड़ा प्रतिकूल असर
अभिभावक की शिकायत के बाद तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हर्षल नेहटे ने पटोदा स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया. मीडिया से बात करते हुए, डॉ. नेहटे ने स्वीकार किया कि यह एक गलती थी. उन्होंने किशोर को वैक्सीन दिए जाने की बात को लेकर आगे कहा कि, "किशोर पर कोविशील्ड वैक्सीन देने से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा और उसकी हालत ठीक थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषण के बाद 3 जनवरी से 15 से 18 साल की किशोरों को वैक्सीन देने की शुरुआत की गयी
हम आपको बता दें पिछले लगभग दो साल से कोरोना का संक्रमण की वजह से स्कूल और कॉलेज बंद थे. हाल ही में इन्हें शुरू किया गया. लेकिन इसी बीच एक बार फिर कोरोना और ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से बढ़ना शुरू हो गया. ऐसे में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की घोषणा के बाद बीते (3 जुलाई, सोमवार) से 15 से 18 साल की उम्र के किशोरों का कोरोनारोधी वैक्सीनेशन शुरु हुआ. सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया कि इस एज ग्रुप के किशोरों को कोवैक्सीन (covaxin) की ही डोज दी जाए.
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